पदमावती पर रोक की गलत खबर वायरल होने से उदयपुर से मुंबई तक मचा हडकंप

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फिल्म पद्मावती पर उदयपुर में रोक की खबर वायरल होने से मचा उदयपुर से मुंबई तक में हडकंप – पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय से जारी पत्र में त्रुटी से हुई गलत फहमी।

उदयपुर। पद्मावती फिल्म पर रोक नहीं लगी है। सोशल मिडिया में पुलिस उपाधीक्षक का कानून व्यवस्था बनाए रखने के सम्बन्ध में जारी पत्र में शब्दों की गलती की वजह से गलत फहमी हुई और यह खामियों वाला लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिससे उदयपुर से मुंबई देहली तक हडकंप मच गया कि फिल्म पद्मावती पर रोक लग गयी। जबकि उदयपुर जिला कलेक्टर ने पुलिस जिला अधीक्षक को पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन के वक़्त विरोध को देखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने का पत्र जारी किया था। इस पर पुलिस अधीक्षक ने उपाधीक्षक व्रत नगर को कानून व्यवस्था बनाए रखने के दिशा निर्देश जारी किये थे। लेकिन पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय से जारी पत्र में मामूली शब्दों की त्रुटी से शब्दों के अर्थ का अनर्थ हो गया और बाकी का काम सोशल मीडिया के फेक मेसेजों ने पूरा कर दिया। कुछ ही घंटों में त्रुटी वाला उपाधीक्षक कार्यालय से जारी पत्र पुरे देश में वायरल हो गया। उदयपुर पोस्ट के पास भी दिल्ली मुम्बई से कई लोगों के कॉल और मेसेज आये कि क्या उदयपुर में पद्मावती फिल्म पर रोक लग गयी है ?
जबकि एसा बिलकुल नहीं है। फिल्म पद्मावती पर रोक नहीं लगी है । फिल्म 1 दिसंबर को पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार रिलीज होगी।
फिल्म में पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के स्वप्न प्रेम द्रश्य होने की आशंका को लेकर पुरे मेवाड़ में विरोध है। फिल्म प्रदर्शन को रोकने की मांग मेवाड़ के कई संगठन कर चुके है। लेकिन अभी तक सेंसर बोर्ड या सूचना प्रसारण मंत्रालय से फिल्म को प्रदर्शित होने से रोकने के सन्दर्भ में कोई दिशा निर्देश नहीं आये है।
आइये हम दिखाते है कि जिला कलेक्टर ने क्या निर्देश दिए थे और पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय से क्या गलती हुई।

यह लेटर जिला कलेक्टर द्वारा २७ अक्तूबर को फिल्म प्रदर्शन में होने वाले विरोध को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को दिया गया था

 

यह पत्र पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय से जारी हुआ था जिसमे  विधी में लिखी गयी लाइन ” पद्मावती को शहर के सिनेमाघरों में चलाने से रोक लगाने बाबत ” को लेकर ग़लतफ़हमी हो गयी . इसमें फिल्म प्रदर्शन के समय कानून व्यवस्था बनाए रखने बाबत भी लिखा जाना चाहिए था . हालाँकि यही गलती जिला कलक्टर कार्यालय से भी हुई है लेकिन पत्र में स्पष्ट लिखा हुआ है कि प्रदर्शन को रोकने की संभावना के मद्देनज़र कानून व्यवस्था बनाए रखने की व्यवस्था करें .

जबकि इसकी जगह

 

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