उदयपुर में तीन दिवसीय फिल्मोत्सव

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अकाल की कला २उदयपुर | जन संस्कृति मंच एवं उदयपुर फिल्म सोसाइटी के संयुक्त तत्त्वावधान में होने वाला दूसरा तीन दिवसीय उदयपुर फिल्मोत्सव सितम्बर को आयोजित होगा होगा |
उदयपुर फिल्म सोसाइटी के संयोजक शैलेन्द्र प्रताप सिंह भाटी ने बताया कि पहले उदयपुर फिल्मोत्सव की सफलता से प्रेरित होकर इस बार फिल्मोत्सव दो की जगह तीन दिन का रखा गया है | जो कि पांच से सात सितम्बर के बीच होगा फिल्मोत्सव महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में चलेगा इसमें प्रवेश निशुल्क रहेगा भाटी ने बताया कि इस बार के प्रमुख आकर्षण में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मराठी फीचर फिल्म ‘फंड्री’, अंतरराष्ट्रीय स्टार पर चर्चित-प्रशंसित दस्तावेजी फिल्म ‘रेड एन्ट ड्रीम’ / ‘माटी के लाल’ और सुप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक रजत कपूर की बनायी फीचर फिल्म ‘आखों देखी’ शामिल है | इस बार का फिल्म उत्सव सुप्रसिद्ध चित्रकार जैनुल आबेदिन (जिनका यह जन्म शताब्दी वर्ष है ), सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक-लेखक और पटकथा लेखक ख्वाजा अहमद अब्बास ( जिनका भी यह जन्म शताब्दी वर्ष है ) अभिनेत्री ज़ोहरा सहगल और बांग्ला के कवि नबारुण भट्टाचार्य ( ये दोनों हाल ही में हमें छोड़ गए.) को समर्पित है. इस अवसर पर चालीस के दशक में पड़े बंगाल के भीषण अकाल पर जैनुल आबेदिन के अकाल की कलाबनाए कालजयी चित्रों की शृंखला भी प्रदर्शित की जायेगी और प्रसिद्द चित्रकार श्री अशोक भौमिक , जैनुल आबेदीन के बनाये चित्रों के ऐतिहासिक अवदान पर ‘अकाल की कला’ शीर्षक से एक दृश्यात्मक प्रस्तुति भी देंगे | भाति ने बताया कि ज़ोहरा सहगल पर रंगकर्मी एम के रैना और अनन्त रैना द्वारा बनाई गयी दस्तावेजी फिल्म ‘जोहरा सहगल’ भी प्रदर्शित की जायेगी जोहरा सहगल के सौ साल का होने पर बनायी गयी इस फिल्म में जोहरा सहगल की ज़िंदगी की यादें, उनकी दुर्लभ तस्वीरें, उनका बचपन-जवानी , उदय शंकर का ट्रूप, पृथ्वी थियेटर, परिवार और फ़िल्में – सबको समेटते हुए एक यादगार ज़िंदगी की यादगार तस्वीर उकेरी गयी है | ख्वाजा अहमद अब्बास की सबसे महत्त्वपूर्ण मानी जाने वाली फिल्म ‘धरती के लाल’ ( 1946 ई. ) भी इस अवसर पर दिखाई जायेगी. ‘धरती के लाल’ उन फिल्मों में से थी जिन्होंने भारतीय यथार्थवादी सिनेमा की नींव डाली. यह इन्डियन पीपुल्स थियेटर्स एसोसियेशन ( IPTA) का एकमात्र औपचारिक निर्माण है | समारोह में ‘यह मृत्यु उपत्यका नहीं है मेरा देश’ शीर्षक से नबारुण भटाचार्य की कविताओं की प्रस्तुति उदयपुर फिल्म सोसाइटी के सदस्यों द्वारा दी जायगी |

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