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प्रोजेक्ट की संस्थापक अर्चना शक्तावत और सरोज पटेल ने बताया कि इस तरह के आयोजन बहुत होते हैं। लेकिन महलिाओं को समर्पित आयोजन सिर्फ महिला दिवस पर होकर रह जाते हैं, और ज्यादातर महिलाएं कट्टी पार्टी तक ही खुल पाती है। हीचक उनमें आज भी है। तो बस इसी हीचक को तोड़ने और उनमें आत्मविश्वास को बढ़ाने के मकसद से यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। जो समय समय आयोजित किया जाएगा।
इधर, जैसे ही प्रतियोगिताएं शुरू हुईं तो पाल पर आने वाले शहरवासियों की वहां भीड़ लग गई। वहां आए लोगों ने ऑन द स्पॉट रजिस्ट्ेशन करवाया। जो की पूरी तरह से निशुल्क था। फतहसागर पर आए यूथ ने गायन में भाग लिया। भाग लेने वालों युवाओं ने भी नारीत्व के सम्मान में कई गाने गाने गाए। जैसे ही नए नए गानों के बोल फतहसागर की पाल पर गूंजे तो वहां से गुजरने वाले पर्यटक भी एकाएक रूक गए। इसके अलावा एक तरफ स्लोगन राइटिंग और पेटिंग भी चल रही थी। तब सारी पेटिंग बन कर तैयार हुई तो रंग बिरंगी पाल के हिस्से को देखने भी रात तक भीड़ आती रही। उधर, विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिता भी बेहद खास रही, छोटे से लेकर बडे बच्चों ने कहानियां सुनाई। जिसे सुनने बहुत लोग वहां एकत्रित हो गए। जस्ट अ मिनट गेम में तो बड़ों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। अंत में सभी प्रतियोगिताएं होने के बाद वहीं श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार भी वितरित किए गए।