उदयपुर। राजसमंद जिले के देवगढ़ से लायी गयी घायल मादा पेंथर ने सोमवार को तड़प तड़प कर अपनी जान देदी। सर में लगे घावों की वेदना इतनी थी की पेंथर सह नहीं सकी और गुलाब बाग़ में आज सुबह उसने दम तोड़ दिया। मादा पेंथर का पोस्टमार्टम कर सज्जन गढ़ अभ्यारण में जलाया गया।
पिछले दिनों मादा पेंथर को राजसमन्द जिले के देवगढ़ के जंगलों से घायल अवस्था में गुलाब बाग़ में लाया गया था। वन कर्मियों को पेंथर देवगढ़ के जंगलों में घायल अवस्था में ही मिली थी । उसके सर में चोट के निशान थे। घाव पुराना होने से उसमे कीड़े पड़ गए थे। गुलाब बाग़ में डॉक्टरों द्वारा उसका इलाज लगातार किया जारहा था, लेकिन घाव की वेदना और दर्द इतना था कि पेंथर निढाल ही पड़ी रहती थी। मुह से दहाड़ की जगह बिल्कुल खामोशी थी। ऐसे ही तड़प तड़प कर आज सुबह उसने जान देदी। वन अधिकारियों का कहना है कि घाव पुराना और गहरा था। दो पेंथर की आपसी संघर्ष या गिराने से चोट का कारण भी हो सकता है। मादा पेंथर का पोस्टमार्टम कर सज्जनगढ़ अभ्यारण में वज अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम सस्कार कर दिया गया।
मादा पेंथर ने तड़प तड़प कर देदी जान
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