उदयपुर। नवरात्रा स्थापना के दिन ही एक मासूम देवी को बेरहम बाप ने घर की रेलिंग से फांसी पर लटका दिया। चरित्र पर संदेह अपनी पत्नी पर था लेकिन सजा दो साल की बेटी को देदी। मण्डी की नाल क्षेत्र में रहने वाले रामनिवास गुर्जर को अपनी पत्नी पर वैष्या वृत्ति करने का शक था। अपनी बेटी के भी भविष्य में वेष्यावृत्ति से जुडने की आशंका को सोच रामनिवास ने अपनी दो वर्षीय बेटी ध्रुवी की फांसी के फंदे पर लटका कर हत्या कर दी। रामनिवास ने अपनी बेटी की हत्या करने से पहले एक नोट भी लिखा जिसमें पत्नि पर संदेह होने की बात लिखी है। हत्या करने के बाद रामनिवास फरार हो गया जिसको बाद में अश्विनी बाज़ार से गिरफ्तार कर लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के मंडी की नाल की जोगी पोल में रहने वाले रामनिवास गुर्जर उसकी पत्नी हेमलता साहू और दो बच्चों के साथ मंडी की नाल स्थित जोगी पोल में दूसरी मंजिल पर किराए पर रहता था। रामनिवास को अपनी पत्नी हेमलता के चरित्र पर संदेह था। रामनिवास को शक था कि उसकी पत्नी वेश्या वृत्ति के धंधे में लिप्त है, जब कि दोनों ने प्रेम विवाह किया था। चरित्र को लेकर आये दिन राम निवास और उसकी पत्नी के बीच झगड़े होते रहते थे। कल रात भी दोनों पति पत्नी के बीच झगड़ा हुआ और राम निवास अपनी दो वर्षीय पुत्री ध्रुवी को लेकर बाहर चला गया। रात भर नहीं लोटा सुबह आस पड़ोस के किरायदारों ने हेमलता को बताया की तेरी बेटी धुवी रेलिंग पर फांसी पर लटकी हुई है। धानमंडी थाना पुलिस को भी घटना की जानकारी दी गई।जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची की लाश को फंदे से उतारकर चिकित्सालय ले जाया गया जहॉं चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रामनिवास ने कागज़ पर लिखा एक नोट भी छोड़ा है। बच्ची की लाश को पोस्टमार्टम के लिये मोर्चरी में रखवाया गया हैं। पुलिस ने आरोपी पिता द्वारा लिखे गये नोट को भी अपने कब्जे में ले लिया हैं और आगे की कार्यवाही में जुट गई है।
विकृत सोच के चलते बेटी को फांसी पर लटका दिया :
दो साल की बेटी को फांसी पर लटकाने वाले पिता रामनिवास की विकृत सोच उसके लिखे नोट से ही पता चल जाती है। चरित्र पर संदेह पत्नी पर था और बड़ी होकर बेटी भी मां की तरह ना हो जाए यह सोच कर बेटी को रात के अँधेरे में फांसी पर लटका दिया।
रामनिवास ने कागज़ के नोट पर लिखा कि ” मेरी कहानी यह है मेने आज तक जो काम किया उसका फल नहीं मिला लेकिन जो में आज करने जा रहा हु उसका फल जरूर मिलेगा। क्यों कि आज मेने उस सच्चाई का पता लगा लिया है, जिसके लिए में इस शहर में आया था। मुझे यही पता करना था की मेरी पत्नी क्या काम करती है। लेकिन सच्चाई तो इतनी शर्मसार निकली कि मेरा तो जीना नामुमकिन हो गया। अब मेरे पास कोई रास्ता नहीं बचा है। मेरी आत्मा यह कह रही है कि मेरे दोनों बच्चों का क्या होगा दुनिया वालों को क्या मुह दिखायेगें। इस औरत ने सब कुछ दाव पर लगा दिया है इज्जत सम्मान, परिवार काम पैसे सब कुछ। अब मेरे बच्चों की ज़िन्दगी का सवाल है। इसलिए आज उसको ही मिटा देना चाहता हूं। जो इस बात से मेरे बच्ची का भविष्य खराब हो इसलिए मुझे ही अपने हाथों अपनी बच्ची को मारना पढ़ रहा है। क्यों कि में नहीं चाहता कि मेरे मरने के बाद मेरी बेटी को भी मेरी बीवी वेश्या बनादे। इसलिए मुझे अपने हाथों से अपनी बेटी को मारना पढ़ रहा है।
नवरात्रा स्थापना के दिन ही बाप ने किया देवी स्वरूपा बेटी का वध
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