जयपुर के वैशाली नगर थाना पुलिस ने फर्जी आईपीएस बनकर शादी करने के मामले में एक अभियुक्त को प्रताप नगर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने युवती के परिजनों से शादी के बाद 27 लाख की मांग भी की थी।गिरफ्तार अभियुक्त उदय यादव उर्फ आदित्य गांव डोइया जिला रोहताश(बिहार) निवासी है। उसने शाहजहांपुर (अलवर) की विनीता यादव से इसी साल 5 मार्च को फर्जी पुलिस अफसर बनकर शादी की।
जांच अधिकारी फूलचंद ने बताया कि आरोपी चार साल पहले फेसबुक के जरिए विनीता से दोस्ती की। एक सप्ताह में ही उनमें व्हाट्सएप, फोन के जरिए बातचीत होने लगी। यह दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। शुरू में दोनों ही परिवार शादी के पक्ष में नहीं थे लेकिन लड़के और लड़की ने उन्हें मना लिया।
बताया जा रहा है कि उनकी सगाई खातीपुरा स्थित ग्रीन एवेन्यू में युवती के रिश्तेदार के घर हुई थी। उसके बाद शादी एक साल बाद 5 मार्च को हुई। शादी के चंद दिन बाद ही पीडि़ता के सामने दस्तावेज खंगालने पर असलियत आ गई।
इस पर आरोपी ने उससे मारपीट की थी। हालांकि पीडि़ता ने मां की बीमारी का बहाना बनाया और ससुराल से पति के साथ पीहर आ गई। बात बिगडऩे का अंदेशा होने पर उदय चुपचाप वहां से खिसक जयपुर आ गया जहां से वैशाली नगर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस संबंध में पीडि़ता ने हाल ही मामला दर्ज करवाया था।
अप्रेल में यह पहली बार मिले थे। पुलिस के अनुसार 1 अप्रेल को वे पहली बार लालकोठी स्थित एक होटल में मिले। मई में उदय छोटे भाई अभय का इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन करवाने आया था। बाद में वह भी उसी के साथ यहां प्रतापनगर सेक्टर 3 में किराए से रहने लगा। यहां रहकर वह आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहा था। इसी बीच वह विनीता से भी मिलता -जुलता था।
बन गया बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट। जुलाई में उसने युवती को बताया कि वह बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बनने वाला है। अक्टूबर में उसने बीएसएफ कमांडेंट की वर्दी में फोटो खिंचवा एफबी अन्य सोशल साइट्स पर पोस्ट कर दी। युवती को यही बताया कि उसका चयन हो गया है। जिसे युवती ने सच मान लिया। हर कदम पर झूठ बोला पुलिस के अनुसार वह पिछले चार साल से पीडि़ता व उसके परिजनों से झूठ बोलता आ रहा था। शादी से पहले उसने कहा कि वह बीएसएफ से प्रतिनियुक्ति पर एनआईए में जा रहा है। उसके बाद बोला कि एनआईए में उसकी जान को खतरा है इसलिए उसे प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में भेजा जा रहा है। प्रतिनियुक्ति के लिए उसे बीएसएफ महानिदेशक को 27 लाख देने हैं।
इस पर युवती के परिजनों से शादी से पहले उसके खाते में एक लाख रुपए डलवाए थे। शादी के बाद भी उसने किसी न किसी बहाने से पीडि़ता के घरवालों से ऐसे ही रुपए खाते में डलवाने का दबाव बनाया था।
सगाई के बाद भी उसने झांसा देकर पीडि़ता को कहा कि उसका आईपीएस में चयन हो गया है। इसके लिए उसे सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लडऩी पड़ी। उसे राजस्थान कैडर मिला है। इसके लिए उसे 5 लाख देने होंगे तब भी युवती परिजनों ने उसके खाते में एक लाख रुपए शिफ्ट किए थे और 4 लाख नगद दिए थे।
धूमधाम से हुई शादी पुलिस पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उनकी शादी इसी साल मार्च में धूमधाम से हुई। इसमें करीब 2500 लोग शामिल हुए। 35 लाख का खर्चा हुआ बताया जा रहा है। दूल्हे को महंगी गाड़ी दी गई वहीं दुल्हन को जेवर व अन्य कीमती सामान बतौर गिफ्ट दिए गए।
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