उदयपुर.पर्यटन विभाग अब टूरिस्ट गाइडों की परीक्षा लेगा। टूरिस्ट गाइडों को लाइसेंस की वैधता के लिए परीक्षा में 40 फीसदी अंकों से उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। इसमें पास होने पर ही गाइड का काम किया जा सकेगा। फेल होने की स्थिति में विभाग गाइड का लाइसेंस निरस्त कर देगा। इधर, इस फैसले के विरोध में टूरिस्ट गाइडों ने प्रदर्शन किया।
परीक्षा पर गाइड उठा रहे सवाल
गाइडों ने बताया कि मंगलवार को सभी सुबह 11 बजे कलेक्ट्रेट पर एकत्रित होकर ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि सभी को लाइसेंस अनुभव और शैक्षिक योग्यता के आधार पर मिले हैं तो अब क्यों विभाग को उनकी योग्यता पर संशय है। इस नए नियम से खफा शहर के ट्यूरिस्ट गाइड ने सोमवार को पर्यटन विभाग के इस नियम के खिलाफ प्रदर्शन किया। करीब 60 से 70 गाइड एकत्रित होकर पर्यटन विभाग की उपनिदेशक सुमिता सरोच से मिले। उन्होंने इस दौरान परीक्षा प्रणाली का जमकर विरोध किया। उपनिदेशक ने उन्हें बताया कि यह राज्य स्तर का फैसला है।
अब यह होगा
पर्यटन विभाग राज्य स्तरीय एवं स्थानीय गाइडों के लिए अनिवार्य पुनश्चर्या प्रशिक्षण कार्यक्रम करेगा। यह छह दिन का होगा। इसमें प्रतिदिन चार कालांश होंगे। प्रशिक्षण के लिए 30 से 50 गाइडों के बैच का गठन किया जाएगा। पहला बैच 7 सितंबर से शुरू होगा। सभी जिलों के समस्त बैच का प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद विभाग राज्य स्तरीय परीक्षा करेगा। इसमें प्रत्येक गाइड को उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य हैं, अन्यथा उसके लाइसेंस परिचय पत्र का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
शहर में करीब इतने गाइड
टूरिस्ट गाइड ने बताया कि पहले पर्यटन विभाग शहर भर के रजिस्टर्ड गाइड के लिए हर एक से दो वर्षों में रिफ्रेशर कोर्स करवाता आया है। इसमें परीक्षा नहीं हुआ करती थी। लेकिन इस बार पहली बार इस कोर्स को परीक्षाओं में बदल दिया गया है। इससे रजिस्टर्ड गाइडों में रोष है। गौरतलब है कि शहर में करीब 500 गाइड रजिस्टर्ड हैं।