क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों का सिल्वर जुबली समारोह इस वर्ष
ग्रामीण दस्तकारों और प्रदर्शनकारी कलाकारों को मिला राष्ट्रीय मंच—राज्यपाल
उदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा उदयपुर के शिल्पग्राम में आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव आज से प्रारम्भ हुआ। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की अध्यक्ष एवं राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा ने उत्सव के विधिवत शुभारम्भ की घोषणा की।
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र देश का अकेला ऐसा महत्वपूर्ण केन्द्र है जो भारत की समूची कला एवं संस्कृति के वैभव को प्रतिवर्ष एक मंच पर ला खडा करता है। यहां कोने-कोने से कलाकार,दस्तकार और लोक कलाओं से जूडे लोग यहां पहुचकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीवगांधी ने उदयपुर में कलाकारों के लिए इस मंच का सपना संजोया था जिसे पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के रुप में एक राष्ट्रीय स्थल की पहचान मिली है। उन्होंने केन्द्र के रजत जयन्ती वर्ष के मौके पर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि लोक कला एवं शिल्प का यह मंच उत्तरोतर प्रगति के साथ देश में अक्षुण्ण पहचान बनाये रखें।
इस मौके पर राज्यपाल ने प्रो. त्रिखा की संग्रहालयों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया।
कलाकारों ने किया राज्यपाल का स्वागत
शिल्पग्राम पहुचने पर राजस्थानी वेशभूषा में सजी संवरी बालिकाओं ने राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा का परम्परागत रूप से स्वागत किया वहीं मध्यप्रदेश के लालपुर से आये कलाकारों ने गुदुम्ब बाजा, राजस्थान के कलाकारों ने अलगोजावादन एवं कच्छी घो$डी नृत्य तथा गुजरात के जामनगर से आये कलाकारों ने मेवासी नृत्य के साथ राज्यपाल की अगवानी की। राज्यपाल ने करीब डे$ढ घन्टे तक शिल्पग्राम में भ्रमण कर दस्तकारों एवं कलाकारों से भेंट की। उन्होंने शिल्पकारों द्वारा बनाई जाने वाली शिल्प आकृतियों की जानकारी भी ली।
अभिभूत हुई राज्यपाल
राज्यपाल शिल्पग्राम में हस्त शिल्पियों एवं देश के विभिन्न अंचलों से आये लोक कलाकारों से मिलकर तथा शिल्पग्राम की साज-सज्जा को देखकर अभिभूत हुई। शिल्पग्राम में देश के विभिन्न अंचलों की झोप$िडयों को आकर्षक माण्डनों से सजाया गया था। भगवान शंकर, मारवा$डी सेठ, नारद मुनि, दैत्य आदि का वेश धारण कर कलाकारों ने राज्यपाल को अपनी प्रस्तुतियों से गद्गद् कर दिया। एक कलाकार ने अपनी लम्बी मूछों के साथ नाक से अलगोजा बजाकर विशेष रूप से लुभाया। राज्यपाल ने उसकी मूछों को अपने हाथ से परखा और पाया कि ये लम्बी मूछें असली हैं। राज्यपाल ने शिल्पग्राम में कच्ची घाणी से बनाये गये तिल और गु$ड के व्यंजन को चखा और इसके स्वाद की प्रशंसा की। उन्होंने
प्रतिदिन कार्यक्रम
राज्यपाल को जानकारी देते हुए पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक शैलेंद्र दशोरा ने बताया कि उत्सव के दसों दिन सायंकाल मुक्ताकाशीय रंगमंच पर दर्शकों को लोक कलाकारों के कार्यक्रम देखने को मिलेंगे।