निगम अधिकारियों ने कर्मचारियों को दिए मौखिक आदेश्
ा उदयपुर। अरबों रुपए के घाटे में चल रहे अजमेर विद्युत वितरण निगम ने आचार संहिता के दौरान बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं। यह बिजली चोरों के लिए चुनावी तोहफा भी कहा जा सकता है। निगम अधिकारियों ने कर्मचारियों को चुनाव तक बिजली चोरी नहीं पकडऩे और कोई भी कनेक्शन नहीं काटने तथा विजिलेंस चेकिंग रिपोर्ट (वीसीआर) नहीं भरने के मौखिक निर्देश दिए हैं। विजिलेंस और ओ एंड एम विंग को चुनाव समाप्ति तक कोई कारवाई नहीं करने को कहा गया है। इसके अलावा अति आवश्यक होने पर ही क्षेत्र में बिजली बंद करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र में पूरी बिजली उपलब्ध करवाने का भी मौखिक फरमान सुनाया गया है।
नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ अभियंताओ ने इन मौखिक निर्देशों के बारे में क्रमददगारञ्ज को बताया। इससे उन्हें काम से तो राहत मिल गई, लेकिन राजस्व हासिल करने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। राजस्व हासिल नहीं कर पाने के कारण अभियंताओं को चार्जशीट का डर भी सता रहा है। बकाया राशि जमा नहीं होने पर कनेक्शन काटा जाता है, तो उपभोक्ता को राशि चुकानी पड़ती है, जब कनेक्शन ही नहीं काटे जाएंगे, तो उपभोक्ता क्यों बकाया राशि जमा करेगा। ऐसे में राजस्व लक्ष्य भले ही पूरे ना हो, लेकिन निगम अपने राजनैतिक आकाओं का हुकुम बजा रहा है और अपने नंबर बढ़वा रहा है।
तीन महीने पहले भी चुप्पी : राज्य में इससे पूर्व विधानसभा के चुनाव के कारण निगम प्रबंधन अक्टूबर से दिसंबर तक सुस्त रहा, इस दौरान भी बिजली चोरी पकडऩे और वीसीआर भरने के मामले को बस्ते में डालकर ठंडा किया गया। अब लोकसभा चुनाव के कारण चुप्पी साध ली है। निगम प्रबंधन प्रति वर्ष पांच प्रतिशत छीजत कम करने तथा प्रत्येक बैठक में राजस्व बढ़ाने और छीजत घटाने के निर्देश देता आया है, जबकि नतीजे इसके उलट आ रहे हैं। अब विजिलेंस नहीं करने तथा वीसीआर नहीं भरने पर यह घाटा और बढ़ जाएगा।
॥हमने इस तरह के कोई आदेश नहीं दिए हैं। हम निर्धारित समय में अपने लक्ष्य पूरे करेंगे। घाटे को भी कम करेंगे।
-बी. राणावत,
प्रबंधन निदेशक,
अजमेर विद्युत वितरण निगम
चुनाव हैं, जमकर करो बिजली की चोरी!
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