उदयपुर। विधानसभा चुनाव के लिए शहर की तस्वीर साफ हो गई है। यहां कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर मानी जा रही है। कांग्रेस के युवा प्रत्याशी दिनेश श्रीमाली के साथ जहां एक-एक करके बड़े नेता शामिल हो रहे हंै और दिनभर दौरे करके सभी को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं कटारिया की मुश्किलें कम होती नहीं लग रही है, वे रूठे समाजों की मान मनव्वल में कई मीटिंग कर रहे हैं। मुख्यत: ब्राह्मण और राजपूत भाजपा उम्मीदवार कटारिया से नराज चल रहे है, जिनको मनाने में कटारिया लगे हुए हैं। पता चला है कि रविवार को भी कटारिया ने नाराज चल रहे राजपूत समाज के गणमान्य लोगों के साथ एक गुप्त वार्ता रखी, जो बेनतीजा रही।
सूत्रों के अनुसार गुलाबचंद कटारिया ने कल सुबह राजपूत समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ बीएस कानावत के निवास पर एक गुप्त बैठक रखी गई, जिसमें तेजसिंह बांसी, प्रेमसिंह शक्तावत, गजेंद्रसिंह शक्तावत आदि करीब 25-30 राजपूत समाज के प्रबुद्ध लोग शामिल थे। ये सभी लोग सामाजिक स्तर पर किसी न किसी संगठन से जुड़े हैं। उनको बुलाकर कटारिया ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन ये लोग नहीं माने। यहां कटारिया को काफी खरी खोटी सुनने को मिली और किसी ने भी कटारिया से किसी प्रकार का वादा नहीं किया और जो समाज का निर्णय होगा। वहीं मान्य होगा। यहां पर कटारिया ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी का टिकट नहीं कटवाया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका किसी समाज से कोई विरोध नहीं है।
इधर, मीरा मेदपाट भवन में रविवार को क्षत्रिय महासभा, करणी सेना व अन्य संगठनों तथा राजपूत युवाओं की एक बैठक रखी गई, जिसमें 200 से अधिक युवाओं ने भाग लिया। हालांकि इसमें समाज का कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया, लेकिन फिर भी बैठक में कटारिया के प्रति युवाओं का आक्रोश साफ नजर आया। बैठक में सभी ने अपने समाज के 100 प्रतिशत वोट डलवाने का प्रण लिया तथा अपने समाज के वोटर्स को जागरूक करने का भी अभियान चलाने का आह्वान किया। क्षत्रिय महासभा के प्रवक्ता भवानीप्रताप सिंह ने कहा कि उनका किसी पार्टी से कोई विरोध नहीं है। वे क्षत्रिय समाज के सभी मतदाताओं को जागरूक करना चाहते हैं। इस बार मेवाड़ में सभी राजपूत एक साथ होकर वोट करेंगे, जहां-जहां पर जो राजपूत प्रत्याशी खड़े हुए है, उनका पूरा समर्थन किया जाएगा। यहां पर भी कटारिया का नाम लिए बिना ही विरोध प्रदर्शित किया