उदयपुर। राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ रहे उदयपुर संभाग के १४ प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग के समक्ष आय के झूठे आंकड़े पेश किए हैं। इन लोगों ने अपनी आय छिपाने के लिए पत्नियों के नाम से अकाउंट खोलकर आय से अधिक प्राप्त संपत्ति को समायोजित करके अपने भ्रष्टाचार को छिपाया है। आयकर कानूनों को धोखा देने के इस काम में बड़े-बड़े चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
अपनी पत्नियों की आड़ लेकर भ्रष्टाचार की काली कमाई छिपाने और कानून को धोखा देने वालों में कुंभलगढ़ से गणेशसिंह, भीम से कैलाशचन्द्र पोखरना, उदयपुर ग्रामीण से फूलसिंह मीणा, खेरवाड़ा से दयाराम परमार, वल्लभनगर से भीमसिंह और गणपतलाल मेनारिया, बांसवाड़ा से धनसिंह रावत, चौरासी से सुशील कटारा, डूंगरपुर से देवेन्द्र कटारा व वेलाराम, चित्तौडग़ढ़ से सुरेन्द्रसिंह और निम्बाहेड़ा से श्रीचंद कृपलानी शामिल है।
बताया गया है उक्त सभी उम्मीदवारों की पत्नियां सामान्य गृहणियां है। वास्तव में ये महिलाएं कोई व्यापार-व्यवसाय नहीं करती। हालांकि कागजों में ये बहुत कुछ करती है। चुनाव आयोग यदि, शपथ पत्रों की छानबीन करवाए और अन्य एजेंसियों से वास्तविकता का पता लगाए तो इन नेताओं की ये पत्नियां अपने पतिदेव के साथ जेल की हवा खा सकती है।
लुगाइयों की आड़ में संपत्ति छिपाई
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