POST. वयोवृद्ध प्रौढ़ शिक्षाविद श्री गोवर्धन सिंह राव का मंगलवार सुबह 8.बजकर 15 मिनट पर देहावसान हो गया। वे 98 वें वर्ष के थे। वे अपने पीछे दो पुत्र , तीन पुत्रियों का भरापूरा परिवार शोकाकुल छोड़ गए है । श्री राव का अंतिम संस्कार मंगलावार दोपहर बेदला स्थित श्मशान घाट में पत्रकारों, राजनेताओं और प्रबुद्धजनों की उपस्थिति में किया गया।
श्री राव ने आजादी से पहले बम्बोरा गांव में महाराणा मेवाड़ राजपूत स्कूल शुरू करके शिक्षा क्षेत्र में कार्य शुरू किया, लेकिन बाद में पंडित जनार्दन राय नागर के साथ राजस्थान विद्यापीठ से जुड़कर अपनी धर्म पत्नी स्वर्गीय राजकुमारी के साथ प्रौढ़ शिक्षा का कार्य शुरू किया , जो सेवानिवृति के बाद भी जारी रखा। वे राजस्थान विद्यापीठ के एकमात्र वयोवृद्ध जीवन सदस्य थे । श्री राव को मेवल क्षेत्र के जगत गांव का प्राचीन मन्दिर उत्खनन करके प्रकट करने का श्रेय जाता है। यह कार्य 1952 में नवभारत स्कूल के बच्चों का शिविर आयोजित करवा कर किया गया । श्री राव ने 1962 में स्वतंत्र पार्टी के समर्थन से सलूम्बर सीट पर विधायक का चुनाव भी लड़ा । वे लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी में अन्य पिछड़ा वर्ग के जिला उपाध्यक्ष पद पर सक्रिय रहे । मेवल और छप्पन क्षेत्र के कई गांवों में विद्यालय खोलकर शिक्षा की मशाल जलाने के लिए सदैव उन्हें याद किया जाता रहेगा । वे महिलाओं को भी सामाजिक क्षेत्र में आगे लाने के हिमायती थे । इसी वजह से उनकी पत्नी स्वर्गीय राजकुमारी राव को मेवाड़ में पर्दाप्रथा त्यागकर समाज कार्य के लिए आगे आने वाली प्रथम महिला होने का गौरव हासिल है । इसी वजह से उन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री गोविंद वल्लभ पंत के हाथों समाज सेवा विद की उपाधि प्राप्त हुई थी । श्री राव के बड़े पुत्र उग्रेसन राव प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार तथा छोटे पुत्र राव अजातशत्रु राष्ट्रीयस्तर के कवि है ।
प्रौढ़ शिक्षाविद गोवर्धन सिंह राव का देहावसान
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