उदयपुर . विवाहके पांच वर्ष बाद पत्नी को दहेज के लिए शारीरिक मानसिक प्रताड़नाएं देकर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के दोषी पति को महिला उत्पीड़न मामलों के अतिरिक्त सेशन जज डा. दुष्यंत दत्त ने बुधवार को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। ठोकर चौराहा निवासी विवाहिता ने छह वर्ष पूर्व फांसी लगाकर अपनी जान दी थी।
केस डायरी के मुताबिक मनीषा चौधरी को खुदकुशी के लिए उकसाने के दोषी पति महेंद्र पुत्र कालूलाल चौधरी को न्यायालय ने धारा 304-बी के अंतर्गत 10 वर्ष कठोर कारावास, दहेज उत्पीड़न की धारा 498-ए के अंतर्गत 2 वर्ष कठोर कैद और 5 हजार रुपए जुर्माना की सजाएं सुनाई। अदालत ने मृतका की सास पुष्पादेवी को दहेज यातना और आत्महत्या के लिए विवश करने के आरोपाें से बरी किया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी लोक अभियोजक प्रेमसिंह पंवार ने की। मनीषा की मौत फंदे पर लटकने से 31 नवंबर 2011 को हुई थी। प्रतापनगर थाने में रिपोर्ट मृतका के जेठ अमृतलाल ने दर्ज कराकर बताया था कि घटना के दिन सुबह मनीषा घर में अकेली थी। पति महेंद्र तड़के किसी काम से घर से बाहर गया हुआ था। बच्चे स्कूल चले गए थे। साढे़ 10 बजे महेंद्र घर लौटा तो मकान का मेन गेट बंद था। उसने डाेर बेल बजाई मनीषा के फोन पर कई बार रिंग दी। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर पड़ौसी के पेचकस से दरवाजा खोला। अंदर बेडरूम में मनीषा अपने दुपट्टे का फंदा बनाकर पंखे से लटकी मिली थी। ससुराल पक्ष ने खुदकुशी का कारण मानसिक तनाव होना बताया था।
पिता ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट
5दिसंबर को मृतका के पिता कांतिलाल पटेल निवासी कंधारवाड़ी, बांसवाड़ा ने प्रतापनगर थाने में दूसरी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कांतिलाल ने पति के साथ सास को भी दोषी बताकर रिपोर्ट में कहा था कि मनीषा का विवाह 7 मई 2006 को हुआ था। भरपूर दहेज देने के बावजूद पति सास संतुष्ट नहीं हुए। 10 लाख रुपए की मांग को लेकर यातनाएं देना शुरू कर दिया था। सोने की पांच गिन्नियां दी। मनीषा के पुत्र होने पर चार तोला सोने के कंगन चांदी के बर्तन महेंद्र को 25 ग्राम सोने का ब्रेसलेट दिया। महेंद्र को 51 हजार रुपए नकद भी दिए। उसके बैंक खाते में 2 लाख रुपए जमा और कराए थे। वो नशे में मनीषा को पीटता था।
दहेज़ ह्त्या का दोषी था पति – छह वर्ष बाद कोर्ट ने दी 10 साल की सजा
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