शक ने किया एक प्रेम कहानी का अंत – प्रेमिका का गला काट की ह्त्या

Date:

murder-55800116acab3_l
उदयपुर । राणा प्रतापनगर स्टेशन स्थित रेलवे के पुराने गैराज में डूंगरपुर की नर्सिंग छात्रा की हत्या उसकी के प्रेमी ने की थी। पुलिस ने प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। हत्याकाण्ड के पीछे मृतका का गैर युवकों से बातचीत करना मुख्य कारण रहा। जिस प्रेमिका के लिए साल भर से जान देने की कसमे खा रहा था उस प्रेमिका पर शक कर उसका गला काट कर जान लेली। शक की वजह यह कि प्रेमिका का मोबाइल व्यस्त आता था, जिससे प्रेमी ने मन ही मन यह मान लिया कि वह मेरे प्रति ईमानदार नहीं है ।

घटना :
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश भारद्वाज ने बताया कि सोमावार को सायं 4 बजे पुलिस को यह सूचना मिली कि राणा प्रताप नगर रेल्वे स्टेशन के खण्डहर पडे लोको शेड में एक अज्ञात महिला की गला रेती हुई लाश पडी हैं । जिस पर पुलिस टीम ने मौके पर जाकर अत्यन्त बारीकी से घटनास्थल का निरीक्षण किया तथा तुरन्त ही लाश की पहचान टिंकल परमार पुत्री पवन परमार के रूप मे कर ली ।
कैसे पकड़ा हत्यारे को :
भारद्वाज ने बताया कि लाश का निरीक्षण करने पर पुलिस टीम के मध्य यह सहगति बनी कि मृतका को इस सूनसान खण्डहर में उसकी सहमति से ही उसका कोई परिचित लेकर आया है परन्तु मृतका टिंकल के परिजनो के पूछताछ पर यह तथ्य सामने आया कि मृतका के पास विगत 15 दिवस से कोई मोबाईल नही है । साथ ही मृतका टिंकल के परिजनो से की गई पूछताछ में यह भी तथ्य उजागर हुआ कि टिंकल रविवार को करीब 12 बजे दोपहर अपने घर डूंगरपुर से उदयपुर जाने को love storyकहकर बस स्टेण्ड के लिये निकली,परन्तु कल वह न तो उदयपुर पहुंची, ना ही उससे कोई सम्पर्क नहीं हो पाया ।
इस पर थानाधिकारी प्रताप नगर चन्द्र पुरोहित के नेतृत्व मे एक विशेष टीम जिसमे हैड कांस्टेबल जगदीश वैष्णव कांस्टेबल नाहर सिंह, कांस्टेबल विक्रम सिह, कांस्टेबल उम्मेद सिह,कांस्टेबल खुमाण सिह व कांस्टेबल प्रमोद कुमार ने डूंगरपुर बस स्टेण्ड से ही अपना अनुसंधान आरम्भ किया । जिसके अन्तर्गत डुगरपुर से उदयपुर आने वाली प्रत्येक ब समे मालुमात की गई तो जानकारी मिली कि मृतका की उम्र व हुलिए की कोई एक अकेली लडकी रविवार को डूंगरपुर से उदयपुर नहीं आई। इस पर उपरोक्त टीम ने ओर अधिक छानबीन की तो यह तथ्य जानकारी मे आया की मृतका टिंकल के हुलिए की लडकी को एक 20 वर्ष उम्र के करीब का लडका जिसके हल्की दाढी है, डूंगरपुर बस स्टेण्ड से मोटर साईकिल पर बिठा कर करीब 4 पीएम के आस-पास निकला है ।
इस सूचना पर अधिक जानकारी हासिल की गई तो पुलिस टीम को पता चला कि मृतका टिंकल के पडौस मे रहने वाले कल्पेश उसकी दोस्ती थी तथा उसकी उम्र भी करीब 20 वर्ष के आस पास हैं एंव उसके हल्की दाढी भी हैं तथा वह रविवार को डूंगरपुर में ही था ।
कल्पेश मीणा से पूछताछ करने जैसे ही पुलिस टीम उदयपुर से डुगरपुर के लिये रवाना हुई उसी समय पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कल्पेश डुगरपुर से उदयपुुर आने की बस मे बैठ गया है । इस पर थानाधिकारी प्रताप नगर के नेतृत्व में कल्पेश के उदयपुर के आने व उसकी अपनी बहिन वृदां के सैक्टर न.5 हिरण मगरी स्थित किराये के मकान में जाने तक पीछा किया तथा वहां से उसको दबोच के थाने लाकर उससे मनोवैज्ञानिक पूछताछ की गई तो वह टुट गया और टिंकल की हत्या करना स्वीकार कर लिया ।

इस तरह हुआ एक प्रेम कहानी का अंत :
कल्पेश अपनी बडी बहिन अरूणा के साथ विगत वर्ष जुलाई माह डूंगरपुर के हॉउसिग बोर्ड मे मुकेश सुथार के हॉउसिग बोर्ड के मकान मे किराये पर रहने गया था । उसके एक माह बाद ही मृतका टिंकल भी हॉउसिग बोर्ड के एक मकान में अपने माता-पिता के साथ रहने आई थी । आस-पास के मकान मे रहते हुए टिंकल और कल्पेश मीणा से दोस्ती हो गई । तथा दोनो एक-दुसरे से डूंगरपुर मे चोरी छिपे मिलने लग गये थे । यह बात ज्यादा दिनो तक दोनो के घर वालो से छिपी नही रह सकीतो । दोनों के घर वालो ने अपने-अपने बच्चो को समझाया परन्तु कल्पेश को टिंकपाने की जिद के आगे उसके घर वालो ने झुकते हुए कल्पेश के संबंध की बात कराने के लिये कल्पेश की बुआ और फूफा ओर बडी बहिन दक्षा को टिंकल के घर भी भेजा था । इस पर टिंकल के घर वालो ने दोनो की पढाई समाप्त हो जाने की बात कर का टाल दिया था ।
इसके बावजुद कल्पेश व टिंकल का मिलना- जुलना व फ ोन पर बाते करना जारी रहा । इससे तंग होकर कल्पेश के घर वालो ने कल्पेश को बी.एड करने के लिये सीकर में दाखिला करा दिया । और टिंकल नर्सिग की पढाई करने अपने नाना के यहां उदयपुर आ गई । दोनो अलग-अलग शहरों मे रहने के बावजूद भी टिंकल और कल्पेश की आपस मे फ ोन पर बात होती रहती थी और दोनो के मध्य पूर्व के भाति दोस्ती कायमी थी ।
इसी दोस्ती दरिम्यान जब कल्पेश कई बार टिंकल को फ ोन करता तो उसका फ ोन लम्बे समय तक व्यस्त बताता। कई बार देर रात्रि मे भी जब टिंकल का फ ोन व्यवस्त आता तो कल्पेश उससे व्यस्तता का कारण पूछता तो टिंकल अपने परिचित व घर वालो का फ ोन आना बताती थी परन्तु कल्पेश, टिंकल के इस जवाब से संतुष्ट नही हुआ और उसके मन में शक का कीडा घर कर गया और वह सीकर से बीच बीच में टिंकल से मिलने व उसे चैक करने डूंगरपुर आता-जाता था । मिलने के बहाने कल्पेश ने टिंकल को फोन चैक कराना शुरू कर दिया और उसकी कॉल लिस्ट से कुछ नम्बर निकाल कर उसकी अपने स्तर पर तहकीकात की तो वह नम्बर कुछ लड़कों के निकले, जिनके बारे मे कल्पेश ने टिंकल से पूछा तो उसने उनको अपना दोस्त होना बताया ।
कल्पेश को यह बात मन ही मन सहन नही हो रही थी उसके रहते टिंकल किसी और लडके से दोस्ती करे और वह म नहीं मन टिंकल के प्रति अत्यन्त क्रोधित रहने लगा ।
अप्रैल माह में कल्पेश सीकर से अपनी परीक्षा देकर वापस डूगंरपुर आ गया तथा टिंकल के साथ मिलने के अलावा टिंकल का फोन लेकर उसमे आये और गये फ ोन नम्बर लेकर टिंकल की जासूसी करने लग गया । तथा उसके मन मे यह भावना बना ली थी कि टिंकल उसके प्रति वफादार नही है ।
दो दिन पूर्व तैयारी कर ली थी: वृताधिकार माधुरी वर्मा वृत नगर पूर्व ने बताया कि कल्पेश के मन मे जब से यह बात घर कर गई थी कि टिंकल उसके प्रति वफादार नहीं रही तो उसने मन ही मन यह तय किया कि यदि टिंकल उसकी नहीं हुई तो वह किसी और की भी नहीं होने देगा ।
इसी भावना के चलते उसके डूगंरपुर मे टिंकल से बात कर यह तय किया कि वह वापस पढने के लिए उदयपुर कब जा रही हैं, टिंकल ने उससे कहां कि रविवार को दोपहर डूगंरपुर से वापस उदयपुर पढने जा रही हूं । इस पर कल्पेश अपनी बाईक लेकर डूंगरपुर बस स्टेण्ड पहुंच गया, जैसे ही वहां टिंकल आई तो उसने टिंकल के आगे यह प्रस्ताव रखा कि वह भी उदयपुर जा रहा है तथा उसे अपनी बाईक पर उदयपुर छोड़ देगा । टिंकल तैयार हो गई तथा दोनों रविवार को सायं करीब 8 पीएम पर उदयपुर पहुंच गये । उदयपुर पहुंचने पर टिंकल ने कल्पेश से कहां कि वह उसे ठोकर चौराहे से मादडी रोड वाले रेल्वे क्रोसिग पर छोड दे जहां से वह अपने मामा के साथ कानपुर अपने घर चली जाए ।
रेल्वे क्रोसिग पहुंचते ही कल्पेश ने कहां कि उसे जोधपुर जाना है इसलिए हम राणा प्रताप नगर रेल्वे स्टेशन के अंदर चल कर गाडी का पता करके आते है। कल्पेश बहाना बनाकर टिंकल को अपने साथ लेकर राणा प्रताप नगर स्टेशन के प्लेटफ ार्म पर चला गया प्लेटफ ार्म पर पहुंचते ही कल्पेश ने लघुशंका का बहाना किया और राणा प्रताप रेल्वे स्टेशन के पास पुराना लोको शेड के खण्डहर मे लघु शंका हेतु चला गया । लोकोशेड के अंदर जाते ही कल्पेश ने जोर से चिल्ला कर टिंकल को आवाज दी कि टिंकल मेरे पास जल्दी आओ यहा कुछ है इस पर जैसे ही टिंकल कल्पेश की मदद के लिए पुराने लोकोशेड के खण्डहर मे गई तो पहले से तैयार कल्पेश ने अचानक टिंकल का गला अपने हाथ से दबा कर उसे नीचे गिरा दिया और जेब मे पडे अपने चाकू से टिंकल का गला रेत दिया ।
टिंकल को मारने के बाद कल्पेश मनात राणा प्रताप नगर स्टेशन से चुपचाप निकल कर रात को ही अपनी बाईक से वापस डूंगरपुर चला गया । वहां जाकर अपनी बुआ के घर सो गया तथा सोमवार को दुबारा बस मे बैठ कर जैसे ही उदयपुर पहुंचा तो पुलिस ने पीछा कर उसे दबोच लिया ।

जान देने की कसम खाते-खाते जान ले ली: थानाधिकारी चन्द्र पुरोहित ने बताया कि पूछताछ के दौरान कल्पेश ने भावुक होकर कहां कि वह टिंकल से बेतहाशा मोहब्बत करता था,तथा उसके आगे रोज जान देने की कसमे खाता था,परन्तु टिंकल के लिए उसके मन मे ऐसा शक पैदा हो गया कि मैने उसके लिए जान देने की जगह उसकी जान ही ले ली ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

888starz Sports Activities Betting Official Internet Site And Online Casino Throughout India 2024

888starz Apk Down Load For Android 888starz App Download...

Pinko Casino Pinko Casino oyunculuk aynasını yapacak ve gerçek Arzhany’yi Pembe Casino’da imzalayacak

Bettor'un kötülüğünün sporuna olan talebe bağlı olarak önlemlerin tedariki...

1xbet 후기 및 유저 평점 소개! 【원엑스벳의 장점과 단점】

1xbet원엑스벳 주소 및 이용 방법가입, 환전, 보너스 배팅라이프Content전자결제 서비스로...

Casa De Apostas Mostbet Com Apostas Esportivas Online

Mostbet Brasil ⭐️cassino On The Internet & Apostas Esportivas...