उदयपुर। पत्नी की तबीयत बिगड़ने, चिकित्सकों द्वारा पत्नी के लिए रक्त लाने के लिए कहने या बच्ची के मृत जन्म लेने से मानसिक अवसाद की स्थिति… कारण चाहे जो रहा हो, एक लापरवाह व्यक्ति के कृत्य ने नन्हे शव को कुत्तों के मुंह में झोंक दिया। पन्नाधाय राजकीय महिला चिकित्सालय के पीछे की ओर मंगलवार दोपहर उस समय सनसनी फैल गई। जब राहगीर ने पॉलीथिन से झांकते शव को कुत्तों द्वारा घसीटते देखा।
अस्पताल में अपने परिजन का हाल जानने आए इस व्यक्ति ने तत्काल कुत्तों को हटाते हुए शव पर रूमाल डाला और अस्पताल कर्मियों को सूचित किया। देखते ही देखते मौके पर लोग इकट्ठा हो गए और बच्ची के हाथ पर बंधी पट्टी से उसका पंजीकरण क्रमांक लिया गया। क्रमांक के आधार पर नवजात बच्ची के सल्लाड़ा निवासी जमना पत्नी जवानसिंह को सुपुर्द करने की जानकारी मिली। अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजरानी शर्मा ने बताया कि सोमवार शाम जनाना अस्पताल में भर्ती हुई जमना के बच्चे की गर्भ में मौत हो चुकी थी और सवेरे 11 बजे सामान्य प्रसव से मृत शिशु निकाला गया। डॉ. शर्मा के अनुसार जमना की तबीयत को देखते हुए पति को ब्लड बैंक से रक्त लाने के लिए भेजा गया था, लेकिन वह वापस नहीं आया। बैंक से लोन पर लेकर रक्त चढ़ाना पड़ा।
दाई को दिया था..
जवान सिंह का कहना है कि वह अस्पताल के बाहर था और अस्पताल कर्मियों ने शव साथ आई एक दाई को सौंपा था। दाई का नाम नहीं बता पाने वाले इस व्यक्ति का कहना है कि महिला को वह जमना की देखरेख के लिए साथ लाया था। जवानसिंह का कहना है कि गांव जाकर शिशु दफनाने का भरोसा दिलाते हुए दाई अपने साथ शव ले गई, लेकिन उसने यहां डाल दिया, इस संबंध में उसे जानकारी नहीं। आखिरकार वह शव गाड़ने के लिए कहकर रवाना हो गया।
पुलिस ने निगली जीती मक्खी!
इधर, इस मामले में हाथीपोल थाना पुलिस ने मामला दर्ज करने के बजाय अलग ही कहानी बयान की है। थानाधिकारी नरपत सिंह का कहना है कि बच्ची को कुत्ते नोंचने जैसी कोई घटना नहीं हुई बल्कि परिजन खुद ही उसे गाड़ने ले जा रहे थे और लोग एकत्र हो गए। थानाधिकारी ने मामला दर्ज करने जैसी कोई बात नहीं होने की जानकारी देते हुए पल्ला झाड़ लिया।