ब्लैक ब्रा पहनने से बढ़ जाता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, सोनाली बेंद्रे के साथ भी यही हुआ! जानिए इस वायरल मैसेज का सच

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एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे को कैंसर होने के बाद अब WhatsApp पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि ब्लैक ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि धूप में निकलते समय अपने सीने को हमेशा दुपट्टे या किसी कपड़े से ढंककर रखें। इस मैसेज को टाटा मेमोरियल अस्पताल की तरफ से लिखकर शेयर किया जा रहा है।

क्या लिखा है वायरल मैसेज में?

– “ब्रेस्ट कैंसर को दूर रखें। गर्मी में ब्लैक ब्रा न पहनें। धूप में निकलते समय अपनी छाती को हमेशा दुपट्टे या स्कार्फ से ढंककर रखें। सभी महिलाओं को ये मैसेज बिना किसी झिझक के फॉरवर्ड करें।”

क्या है इस मैसेज की सच्चाई?
– ये मैसेज पूरी तरह से गलत है। हमने जब टाटा मेमोरियल अस्पताल में फोन लिखकर पूछा तो उन्होंने इस तरह की कोई भी एडवाइजरी जारी नहीं की है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि इस मैसेज में जो नंबर दिया गया है, वो भी टाटा मेमोरियल अस्पताल का नहीं है।
– जब हमने भोपाल स्थित कृष्णा कैंसर अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर सुनील कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि ये मैसेज पूरी तरह से गलत है और इस बात के कोई सबूत नहीं है कि ब्लैक ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर होता है। जब हमने पूछा कि क्या धूप की वजह से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है, तो उन्होंने इस बात को भी नकारते हुए कहा कि धूप की वजह से स्कीन कैंसर का खतरा रहता है, लेकिन ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता।
– उन्होंने बताया कि आमतौर पर हार्मोनल गड़बड़ी की वजह से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है, साथ ही अगर कोई महिला बहुत ज्यादा शराब का सेवन करती है तो उसको भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा रहता है।

सोशल मीडिया पर फेक न्यूज में 25% मेडिकल से जुड़ी : फेक न्यूज चेक करने वाली वेबसाइट check4spam.com के को-फाउंडप शैमस ओलियथ के मुताबिक, सोशल मीडिया पर फैलने वाली फेक न्यूज में 25% मेडिकल से जुड़ी हुई पोस्ट होती है। उन्होंने ये भी बताया कि ऐसी खबरों का कोई साइंटिफिक प्रूफ भी नहीं होता है।
– डॉक्टरों का मानना है कि WhatsApp जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मेडिकल से जुड़ी फेक न्यूज के वायरल होने की सबसे बड़ी वजह देश में डॉक्टरों की कमी भी है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से देश में 100 करोड़ लोगों पर केवल 10 लाख एलोपैथिक डॉक्टर हैं। इस वजह से लोग वायरल मैसेज पर भरोसा कर लेते हैं।

 

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