झील निर्माण निषेध क्षेत्र में आने पर भी नहीं हो रही कार्रवाई
उदयपुर, २१ मई (का.सं.)। शहर के रसूखदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत के चलते अदालती आदेशों की धज्जियां उ$डाते हुए झील निर्माण निषेध क्षेत्र में निर्माण कार्य करवा रहे है। ये रसूखदार अदालती आदेशों, स्टे के बावजूद भी अधिकारियोंसे सांठ गांठ के चलते केवल निर्माण ही नहीं करा रहे अपितु झील निर्माण निषेध क्षेत्र में आने के बावजूद निर्माण कर उसका विधिवत मकानों का नांगल कर उसमें रहना भी शुरू कर दिया है।
इस संबंध में मंगलवार को जब झील निर्मााण् निषेध में हो रही निर्मााण् कार्य की जानकारी एसीबी की स्पेशल टीम को मिली तो टीम ने हरिदास जी की मगरी में छापामार कार्रवाई की। मौके पर टीम ने देखा कि वहां रोक के बावजूद निर्माण स्थान पर स्थित पीछे के दरवाजों से काम चलता मिला वहीं एक मकान का तो निर्माणकर्ता द्वारा नांगल कराकर उसमें रहना भी शुरू कर दिया।
कार्रवाई का कोई असर नही: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार झील से ५०० मीटर का दायरा झील निर्माण निषेध क्षेत्र में है, और यहां निर्माण पर रोक है। शहर के हरिदास जी की मगरी, पिछोला से सटी बस्तियां, अम्बावगढ आदि कई जगह नगर निगम और युआईटी के अधिकारी यहां होने वाले निर्माणों पर कार्रवाई करते है, उन्हें नोटिस देते है, निर्माण सीज करते लेकिन रसूखदार और निकायों के अधिकारियों से साठगांठ करने वाले या राजनितिक लोगों की मेहरबानी पाने वाले बेलगाम लोगों पर इन कार्रवाई का कोई असर नहीं होता जब की इन्ही क्षेत्र में जो गरीब एक दो कमरों का निर्माण करता है वह सालों से अपने अधूरे पडे निर्माण को निहारता रहता है।
झाील निर्माण निषेध क्षेत्र की होटल की ऑनलाइन बुकिंग: अम्बावगढ में नगर निगम द्वारा सीज किये हुए ज्योत्सना झाला के निर्माण में यह चौकाने वाली बात सामने आई कि झाला ने अपने निर्माण को ना केवल पूरा किया बल्कि यहां गिरनार विला नाम से होटल खोल ली जिसके सजे धजे रूम के फोटो और होटल की बुकिंग रेट नेट पर कई साइटों पर ऑनलाइन रजिस्टर्ड है एवं इसकी ऑनलाइन बुङ्क्षकग भी की जा रही है। इसके अलावा झाला की इस होटल का फेसबुक पर पेज भी बना हुआ है। इतना होने के बावजूद भी नगर निगम के अधिकारियों इस पर अपनी अनभिज्ञता जाहिर कर रहे है।
केस-१: हरिदास जी की मगरी में एक वर्ष पूर्व एसीबी ने खेमराज मनवानी व् सविता मनवानी के घर पर छापा मारा था जहां झील निर्माण निषेध क्षेत्र होते हुए भी निर्माण कार्य हो रहा था। एसीबी ने निर्माण रुकवा कर माकन मालिक और यूआईटी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जब यह करवाई हुई थी तब दोनों मकानों में निर्माण कार्य अधूरा था लेकिन कल जब एसीबी ने फिर छापा मारा तो ये निर्माण पुरे हो गये और खेमराज मनवानी का परिवार तो मकान में रहने भी लग गया। जबकि सविता मनवानी केमकान में फर्नीचर का काम चल रहा था। इस मामले में एसीबी अब अधिकारियों से जवाब तालाब करेगी ।
केस-२: अम्बावगढ ज्योत्सना झाला के निर्माण को एक वर्ष पहले नगर निगम कमिशनर ने पहले निर्माण पर रोक लगाईं लेकिन जब ज्योत्स्ना झाला ने निर्माण कार्य जारी रखा तो उस निर्माण को सीज किया गया। और यही नहीं ज्योत्सना झाला के खिलाफ अम्बामाता थाने में प्रकरण भी दर्ज करवाया । इसके बावजूद अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों की मिलीभगत के चलते ज्योत्सना झाला ने ना केवल अपना निर्माण कार्य पूरा किया बल्कि उस निर्माण में बिना स्वीकृति के होटल संचालित की जा रही है। इस मामले में नगर निगम अधिकारियों को कोर्ट से निर्माण रुकवाने और कार्रवाई करने के आदेश भी मिले है लेकिन नगर निगम पर कोई असर नहीं ।
इनका कहना….
झील निर्माण निषेध क्षेत्र में जो निर्माण हो रहे है ऐसे मामले सामने आए है। इन मामलों को दिखवाता हूं और रोक के बावजूद भी जहां निर्माण कार्य जारी है और व्यवसायिक गतिविधियाँ हो रही है उन्हें तुरंत रूकवाया जाएगा।
– आशुतोष पेडणेकर
जिला कलक्टर
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नगर निगम द्वारा अम्बावग$ढ में संचालित होटल के निर्माण कैसे पूरा हुआ इसकी जांच की जायेगी। निगम ने पूर्व में इस निर्माण को सीज किया था। होटल संचालन को रूकवाया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।
-हिम्मत सिंह बारहठ,
कमिशनर नगर निगम
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निर्माण निषेध क्षेत्र में रोक के बावजूद निर्माण कार्य हो रहे है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों अब निर्माणकर्ता एवं संबंधित अधिकारियों के खिलाप* कार्रवाई कर चालान पेश करेगी।
-ब्रजेश सोनी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसीबी