गीतांजली में दाड़ी देख मरीज के साथ भेदभाव बिना ऑपरेशन के थमा दिया डिस्चार्ज टिकिट

Date:

akhtar-rahi
मरीज अख्तर राही

उदयपुर। मेडिकल जैसे पवित्र पेशे में भी मजहब के हिसाब से भेदभाव करने की बात विचित्र लगाती है, लेकिन उदयपुर निवासी एक मरीज ने गीतांजली अस्पताल के कर्मचारियों पर यह गंभीर आरोप लगाया है। मरीज ने आरोप लगाया कि अस्पताल में ऑपरेशन के लिए दिन भर भूख प्यासा रखा जांचे करवाई लेकिन वार्ड में तैनात कर्मचारियों ने शाम तक उसका ऑपरेशन में नंबर नहीं लिया मरीज का आरोप है कि उसकी दाड़ी और धर्म के लिहाज से उसके साथ भेदभाव बरता गया और आखिर बिना ऑपरेशन किये उसकी छुट्टी कर दी दर्द से तड़पता हुआ वह अपने परिजन के साथ दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए गया। हालाकिं अस्पताल प्रशासन ने इस तरह की घटना से इनकार किया है, और अगर किसी को इस तरह की शिकायत भी है तो उसकी हर तरह से जांच की जाएगी कि मरीज का ऑपरेशन क्यों नहीं हुआ।
जानकारी के अनुसार शहर के सबसे बड़े निजी अस्पताल गीतांजलि में उदयपुर निवासी अख्तर राही पेट में तेज दर्द के चलते जांच के लिए गया जहाँ डॉक्टरों ने अख्तर के 18 एम्एम् की पथरी किडनी में होना बताया और जल्दी ऑपरेशन करने कि सलाह दी। अस्पताल में ऑपरेशन का खर्च तीस हज़ार रुपया बताया। मरीज के परिजन ऑपरेशन के लिए तैयारहो गए और 17 अक्टूबर को ऑपरेशन होना तय हुआ। ऑपरेशन के पहले जितनी भी जांचे होनी थी पहले ही करवा ली गयी थी, जिसमे अख्तर को ऑपरेशन के उपयुक्त पाया गया। 17 अक्टूबर को पथरी के होने वाले ऑपरेशन की लिस्ट में सबसे पहला नाम अख्तर राही का था। अख्तर ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन वाले दिन जब वह वार्ड में भर्ती किया गया तो वार्ड में तैनात नर्सिंग कर्मी और वार्ड इंचार्ज का रवैया सुबह से ही उसके साथ खराब था। वे लोग उसकी दाड़ी और मुस्लिम होने की वजह से ना तो ढंग से बात कर रहे ना ही किसी बात का जवाब दे रहे थे। अख्तर ने बताया कि जब उसका नाम लिस्ट में पहले नंबर था इसके बावजूद भी उन्होंने उसको कह दिया कि आज तुम्हारा ऑपरेशन नहीं होगा। डॉक्टरों को शिकायत की तो उन्होंने भी उसकी बात को ध्यान नहीं दिया। यही नहीं शाम को पांच बजे तक आखरी ऑपरेशन तक अख्तर राही दर्द में कराहते हुए इंतज़ार करता रहा अपने ऑपरेशन का लेकिन उसका नंबर नहीं लिया। शाम को जब अख्तर और उसके परिजनों ने इस बात का विरोध किया तो गीतांजलि के जिम्मेदार लोगों ने बेरुखा रवैया अपनाते हुए उनके हाथ में डिस्चार्ज टिकिट पकड़ा दिया और कह दिया कि जाओ कही और करवा लो ऑपरेशन यहां पर नहीं होगा। डॉक्टरी जैसे पवित्र पेशे में भी गीतांजलि जैसे अस्पताल में इस तरह के नफरत फैलाने वाले कर्मचारी नर्सिंग कर्मी भरे हुए है अस्पताल प्रशासन ने भी बजाय उनके खिलाफ कुछ कारवाई करे तडपते मरीज को डिस्चार्ज टिकिट थमा दिया। मरीज के परिजन हालाँकि तुरंत उसको अन्य अस्पताल में लेगये और ऑपरेशन करवाया । गौर तलब है कि गीतांजलि मेडिकल कोलेज के इस अस्पताल में सिर्फ उदयपुर ही नहीं संभाग भर से सभी मरीज आते है और मरीज किसी धर्म का नहीं होता वो सिर्फ मरीज होता है और उसका सबसे बड़ा धर्म उसका दर्द होता है ऐसे में एक मरीज का मजहब और उसकी दाड़ी से सोतेला रवैया चिंता जनक है।
हालाँकि गीतांजलि अस्पताल के पीआरओ चंचलेश भट्ट ने कहा की गीतांजली अस्पताल में ऐसी घटना होना संभव नहीं है। क्यों की यहाँ पर अफगानिस्तान तक से लोग इलाज करवाने आते है और यहाँ पर धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। चंचलेश ने कहा कि अगर ऐसी कोई भी घटना हुई है तो इनकी जांच करवाई जाएगी और अगर कोई दोषी हुआ तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Fuckbook: Get A Hold Of A Local Fuck Friend & Get Gender Tonight |

Fuckbook: Discover A find local fuck Friend & Get...

Motherless.com Review | LUSTFEL

Motherless.com is among those...

Enjoy enjoyable and engaging conversations inside our bi guy chat room

Enjoy enjoyable and engaging conversations inside our bi guy...