उदयपुर। सोहराबुद्दीन एनकांउटर मामले मे सात साल से जेल मे बन्द उदयपुर के पूर्व एसपी दिनेश एम एन मंगलवार शाम सात बजे मुंबई की तळोदा जेल से जमानत पर रिहा हो गये।
२८ अप्रेल को दिनेश एम इन सहित अभय चुडासमा और एम एल परमार को मुंबई हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी थी लेकिन सीबीआइ इनकी जमानत पर स्टे ले आइ थी। जिसके हटाने पर गुजरात के पुलिस अधिकारी अभय चुडासमा सोमवार को जेल से रिहा हो गये थे व मंगलवार शाम को दिनेश एम एन रिहा हुए।
उल्लेखनीय है सोहराबुद्दीन शेख का २००५ में अहमदाबाद क्षेत्र में फर्जी एनकाउंटर किया गया था। उसके साथ उसकी पत्नी कौसर बी भी थी, जिसकी भी हत्या कर दी गई। सोहराबुद्दीन, कौसर बी और तुलसी प्रजापति को पुलिस ने सांगली स्टेशन से गिरफ्तार किया था,
तब य लोग वीडिया कोच में सवार थे। बाद में तीनों को गुजरात पुलिस के हवाले कर दिया गया। गुजरात पुलिस ने उदयपुर पुलिस को सूचना दी। सोहराब और तुलसी यहां पर हमीद लाला केस में वांटेड थे। बाद में एक फर्जी कहानी रचकर सोहराब का अहमदाबाद में एनकाउंटर कर दिया गया। इसी दौरान कौसर बी की भी नृशंस हत्या कर दी गई। इस फर्जी एनकाउंटर के बाद तुलसी को भीलवाड़ा से गिरफ्तार करने की झूठी कहानी बनाई गई। तुलसी की गिरफ्तारी के एक साल बाद उसकी भी फर्जी मुठभेड़ में गुजरात के साबरकांठा में हत्या कर दी गई।
इस मामले मे में कुल 23 आरोपी है जिनमें से 17 को जमानत मिल चुकी है।
बचे हुए पुलिस अधिकारियों मे दी ज़ी वंजारा ( आई पी एस ), एन एच डाभी एवं उदयपुर के से आइ अब्दुल रहमान व उनकी टीम के सदस्य सब इंस्पेक्टर श्यामसिंह और हिमांशुसिंह मुंबई की जेल में अभी भी बंद है। एमएन की जमानत होने के बाद अब इनको भी जमानत का रास्ता साफ होता दिखाई पड़ रहा है।
दिनेश एम एन हुए जमानत पर रिहा ।
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