उदयपुर। चित्रकूटनगर की पहाडिय़ों को काटने का सिलसिला नहीं थम रहा। यह छह महीने से चल रहा है। जब भी शिकायत की गई, तो अधिकारियों ने इसे गैर कानूनी मानते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। फौरी कार्रवाई भी गई की लेकिन फिर आंखें मूंद ली गई। कुल मिलाकर भू-माफिया को काबू नहीं किया जा सका।
क्रमददगारञ्ज ने १६ नवंबर, २०१३ को तत्कालीन यूआईटी अध्यक्ष रूपकुमार खुराना को बताया था कि रघुनाथपुरा व चित्रकूटनगर की पहाडिय़ां काटी जा रही है, तो उनका कहना था कि मेरी जानकारी में नहीं है। आपने बताया, तो अधिकारियों को मौके पर भेजूंगा। इसी प्रकार तत्कालीन यूआईटी सचिव डॉ. आरपी शर्मा ने भी यही कहा-क्रमेरी जानकारी में नहीं है। अधिकारी भेजकर कार्रवाई कराएंगे।ञ्ज अगले दिन १७ नवंबर को पूछा गया, तो श्री खुराना ने कहा-क्रमैंने अधिकारी भेजकर जांच करवाई और अभी काम रोक दिया गया है।ञ्ज
इसके कुछ दिन बाद पहाड़ काटने का काम दुगनी गति से शुरू हो गया। शिकायत करने पर वैसा ही जवाब मिला-दिखवाते है। जांच करवाते हैं। इस बीच तीन पहाड़ों पर रास्ता बनाकर बिजली की लाइन बिछा दी गई और दो पहाड़ों के बीच में करीब तीन-चार बीघा जमीन समतल करने का काम चार जेसीबी लगाकर आज भी चल रहा है। तीन दिन पहले आठ मार्च को यूआईटी सचिव एस. मेहता को बताया गया, तो उनका भी यही कहना था-मेरी जानकारी में नहीं है। अधिकारी भेजकर कार्रवाई करवाते हैं।
दिखवाते हैं, कार्रवाई करवाते हैं
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