विधायक की धौंस से झीलों में चल रही है डीजल से नावें

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DSC2372उदयपुर। उदयपुर की विश्व प्रसिद्ध फतहसागर व पीछोला झील के जलीय जीवों का जीवन खतरे में हैं। पांच साल पहले लगी रोक के बावजूद इन झीलों में डीजल से नावों का संचालन किया जा रहा है। यह सबकुछ एक कांग्रेसी विधायक की धौंस-धपट से चल रहा है। पता चला है कि यहां के नाव संचालन ठेकों में विधायक का बेनामी रुपया लगा है। इस कारण परिवहन विभाग भी कार्रवाई नहीं करता है।

पांच साल पहले लगी थी रोक : झीलों को प्रदूषण से बचाने के लिए पांच साल पहले तत्कालीन संभागीय आयुक्त अर्पणा अरोड़ा ने डीजल से नावों के संचालन पर रोक लगा दी थी। पेट्रोल इंजन यूरो तीन पोल्यूशन फ्री से नावों को संचालित करने के आदेश दिए थे, लेकिन इस इंजन का उपयोग कम ही किया जाता है और धड़ल्ले से डीजल से नावों का संचालन किया जा रहा है।

यश एयूसमेंट और मेवाड़ बोटिंग चला रहे हैं डीजल से नावें: फतहसागर में यश एम्यूसमेंट का आरटीडीसी और पीडब्ल्यूडी के नेहरू गार्डन का ठेका है, जहां इन्होंने चार बड़ी जोंगा डीजल नावें संचालित कर रखी है। दोनों सेंटर से नेहरू गार्डन लाने ले जाने और फ तह सागर राउंड करवाने के लिए इन डीजल नावों का संचालन होता है। उधर, पिछोला में मेवाड़ बोटिंग का ठेका है। वहां पर भी दो बड़ी नावें डीजल से संचालित होती है।

राजनीतिक प्रभाव से चल रहा है कारोबार : फतहसागर में आरटीडीसी और नेहरू गार्डन में चलने वाली नावों के ठेके में एक कांग्रेसी विधायक का पैसा लगा हुआ है। इसीलिए इन सेंटर पर आरटीओ और प्रशासन की कार्यवाही कम ही होती है। अगर कारवाई होती भी है, तो राजनीतिक प्रभाव के चलते विभाग द्वारा एक्शन नहीं लिया जाता है। जलीय जंतुओं के लिए खतरा: डीजल की नावों की वजह से जलीय जंतुओं के लिए खतरा बढ़ गया है। जलीय जंतु और मछलियां झीलों की सफाई करती है, लेकिन इनको जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जिसको लेने के लिए वे झील की सतह पर आती है, जहां पानी पर जमी डीजल की परत के कारण कई बार इनको सांस लेने में दिक्कत होती है। कई दफा डीजल मछलियों के गिल में जाने से उनकी मौत हो जाती है।

॥हम अक्सर कार्रवाई करते हैं। झीलों में डीजल नावों का संचालन बिलकुल बंद है। अगर अभी भी संचालन हो रहा है, तो कारवाई की जाएगी और अब हम आकस्मिक जांच करेंगे।

-जितेंद्रसिंह राठौड़, अपर परिवहन आयुक्त

॥डीजल की नावों से झील में रहने वाले जलीय जीवों को खतरा है। अगर जलीय जीव और मछलियां झील में नहीं होंगी, तो झीलें प्रदूषित होगी। झीलों में डीजल से नावों का संचालन बंद किया जाना चाहिए।

-विमल शर्मा, डीन, फिशरीज कॉलेज

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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