जयपुर। महावीर नगर मोड़ (बजाज नगर) पर मंगलवार दोपहर मांझे से छह वर्षीय बच्ची की गर्दन कटकर लटक गई। बच्ची बाइक की टंकी पर बैठकर मां-बाप के साथ घर जा रही थी। बेटी की चीख पिता ने सुनी तो बाइक रोकी और मांझा को हाथ से रोकना चाहा तो वह भी जख्मी हो गया। बच्ची को एसएमएस अस्पताल लेकर गए, लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी।
पतंग-डोर के चक्कर में मंगलवार को दो और लोगों की जान चली गई। पतंग लूटने के चक्कर में जगतपुरा में अज्ञात वाहन की टक्कर से दस वर्षीय बालक की मौत हो गई और आगरा रोड पर मांझे से घायल होने पर असंतुलित होकर गिरे बाइकसवार की मौत हो गई। हादसे में उसका साथी गम्भीर रूप से घायल हो गया, जो एसएमएस अस्पताल में भर्ती है।
मांझा से मौत का शिकार हुई छह वर्षीय चंचल एलबीएस नगर निवासी प्रमोद दाधीच की बेटी थी। प्रमोद दाधीच मूल रूप से गांव राजमहल बोटूंदा, टोंक के रहने वाले हैं। तीन साल से जेएलएन मार्ग एक निजी हॉस्पिटल के पास स्थित वेंकटेश्वर मंदिर में महंत हैं।
प्रमोद दाधीच की बेटियां राधा (8), चंचल (6) और एक बेटा खुशीराम (4) है। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे वह अपनी पत्नी सीता देवी, बेटी राधा और बेटा चंचल के साथ बाइक से महावीरनगर में एक यजमान के घर गए। पूजा पाठ कराकर दावत खाकर प्रमोद बाइक से घर आ रहे थे। बाइक की टंकी पर बेटी चंचल बैठी थी।
महावीर नगर मोड़ से आगे अचानक चंचल चीखी, उसकी गर्दन लटक गई। प्रमोद ने बाइक रोकी और चंचल की गर्दन में फंसे मांझे को हाथ से रोकना चाहा तो मांझा उसकी शर्ट, इनर को काटा और हाथ जख्मी कर दिया। प्रमोद लहूलुहान बेटी को जयपुरिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो चिकित्सकों ने उसे एसएमएस रेफर कर दिया। एसएमएस में चिकित्सकों ने बच्ची को मृत घोçष्ात कर दिया।
जिद करके बैठी बाइक की टंकी पर
प्रमोद दाधीच ने बताया कि बेटी चंचल यूकेजी में पढ़ती थी। मंगलवार दोपहर यजमान के घर जब बाइक से जाने लगे तो चंचल जिद कर बाइक पर आगे बैठी ताकि पतंगें देश सके। जब यजमान के यहां से चलने लगे तो फिर चंचल ने बाइक की टंकी पर बैठने की जिद की।