कामसूत्र का विज्ञापन हटाने की मांग ने जोर पकड़ा

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उदयपुर। नगर निगम की शह पर एनएस पब्लिसिटी द्वारा सुखाडिय़ा सर्किल पर लगाए गए कामसूत्र के विज्ञापन का विरोध नगर निगम के विपक्ष के पार्षदों ने ही नहीं पक्ष के पार्षदों ने भी शुरू कर दिया है। पक्ष-विपक्ष के अधिकतर पार्षदों का कहना है कि अश्लीलता और सेक्स से जुडी कंपनी के किसी भी प्रोडक्ट का विज्ञापन सार्वजनिक जगह पर नहीं होना चाहिए, जबकि सुखाडिय़ा सर्कल एक ट्यूरिस्ट प्लेस है, जहां से झीलों की नगरी क ी छवि पूरे देश में बनती है। उल्लेखनीय है कि क्रकामसूत्रञ्ज जैसी कंपनी के किसी भी प्रोडक्ट के विज्ञापन पर डीडी जैसे राष्ट्रीय चैनल पर भी रोक है। ऐसे में भारतीय संस्कृति की बात करने वाली पार्टी के राज में में अश्लीलता भरे स्लोगल वाला क्रकामसूत्रञ्ज का विज्ञापन उनकी दोहरी सोच को दर्शाता है।

विरोध में पक्ष-विपक्ष के पार्षद
:जब नगर निगम की मेयर एक महिला है, इसके बावजूद ऐसे विज्ञापन शहर के बीच में लगते हंै, तो यह एक शर्मनाक और महिलाओं के लिए अपमान जनक स्थिति है। ऐसे विज्ञापन को तुरंत हटाना चाहिए और विज्ञापन लगाने वाले पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
-दिनेश श्रीमाली, नेता प्रतिपक्ष
: ऐसे अश्लीलता फैलाने वाली कंपनी के विज्ञापन पर्यटन स्थलों पर लगाना गलत है। इससे देश में उदयपुर शहर के लिए संदेश गलत जाता है। शहर की छवि खराब होती है। ऐसे विज्ञापन को तुरंत हटाना चाहिए।
-मनोहरसिंह पंवार, भाजपा पार्षद
:जिस कंपनी के विज्ञापन को राष्ट्रीय चैनल ने बेन कर रखा है, तो उसे हमारे यहां शहर में भी नहीं लगना चाहिए और जो कंपनी अश्लीलता के लिए जानी जाती है। जिससे अश्लीलता को बढ़ावा मिलता है उन विज्ञापनों को नगर निगम को तुरंत हटाना चाहिए।
-विजय आहूजा, भाजपा पार्षद
:जो राजनैतिक पार्टी भारतीय संस्कृति की दुहाई देती है। अगर उसके कार्यकाल में क्रकामसूत्रञ्ज जैसे विज्ञापन सरेआम लगाए जाए, तो उस पार्टी की दोहरी सोच को दर्शाता है। ऐसे विज्ञापन के जरिये अश्लीलता फैलाकर आखिर समाज को क्या संदेश देना चाहते है?
-राजेश सिंघवी, माकपा पार्षद
:महिला महापौर होने के बावजूद अगर शहर में ऐसे विज्ञापन लगते हैं, तो इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है? सस्कृति को बचाने वाले ही भारतीय संस्कृति की धज्जियां उड़ा रहे हंै। सुखाडिय़ा सर्किल एक पर्यटक स्थल है, जहां से शहर की छवि बनती है। क्रकामसूत्रञ्ज का विज्ञापन तुरंत हटना चाहिए।
-शिप्रा उपाध्याय, कांग्रेसी पार्षद
:अगर कोई विज्ञापन अश्लीलता फैलता है और जिस कंपनी के विज्ञापनों पर राष्ट्रीय चैनल पर भी रोक है, तो हमारे शहर में भी वह विज्ञापन नहीं लगने चाहिए।
-प्रेमसिंह शक्तावत, निर्माण समिति अध्यक्ष,

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