दिल्ली गैंगरेप मामले पर अदालत सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई है. अदालत ने चारों अभियुक्तों को पहले ही दोषी करार दे दिया था.
एक अभियुक्त की मौत हो चुकी है और एक अन्य नाबालिग दोषी को तीन साल की सज़ा पहले ही सुनाई जा चुकी है.
दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद कार्यवाही को स्थगित करते हुए अदालत ने अपना फ़ैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था.
अदालत ने अपने फ़ैसले में इस मामले को अपवाद मानते हुए सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई है. अदालत ने अपने फ़ैसले में यह भी कहा कि इस मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था.
जज योगेश खन्ना ने कहा, “अदालत ऐसे अपराधों की तरफ आंख नहीं मूंद सकता. इस हमले ने समाज की अंतरआत्मा की आवाज़ को स्तब्ध कर दिया था. ये मामला सचमुच अपवाद का है और इसमें मृत्यु दंड ही दिया जाना चाहिए.”
जैसे ही जज योगेश खन्ना ने फ़ैसला सुनाया, दोषियों में से एक विनय शर्मा अदालत में ही रोने लगा.
वहीं बचाव पक्ष के वकील ने चिल्ला कर कहा, “ये सच की जीत नहीं बल्कि न्याय की हार है.”
सज़ा के बाद बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह ने कहा कि इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताया है. उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया.
‘अवमानना’
उन्होंने कहा, “अगर फाँसी देने से बलात्कार रुक जाएगा, तो हम इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील नहीं करेंगे.”
एपी सिंह ने कहा, “गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस मामले में दख़ल दिया है. ये कोर्ट की अवमानना नहीं है. अगर इस फैसले के बाद दो महीने के अंदर कोई बलात्कार या हत्या नहीं होती है तो हम अभियुक्तों के लिए ऊपरी अदालत में नहीं जाएँगे.”
सरकारी वकील का कहना था, “कोर्ट में लड़की के माता पिता और भाई भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि ये न्याय की जीत है. दोषी चुप थे. बचाव पक्ष के वकील के आरोप गलत हैं. इस मामले में पक्के सबूत थे और सुप्रीम कोर्ट ने पाँच न्यायिक फैसलों को आधार बनाते हुए फैसला दिया है.”
साकेत कोर्ट के कमरा नंबर 304 में अदालत ने दो बजकर 35 मिनट पर चारों दोषियों को फाँसी की सज़ा सुनाई.
फ़ैसले के बाद अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने कहा, “माननीय जज योगेश खन्ना ने सभी दोषियों को फाँसी की सजा दी है. निर्भया के माता पिता इस फ़ैसले से खुश हैं और संतुष्ट हैं. उन्होंने कोर्टरूम में ही जज, पुलिस और जनता को धन्यवाद दिया. जो जघन्य घटना में बर्बरतापूर्ण बलात्कार और कत्ल हुआ उसमें सभी दोषियों को सज़ा ए मौत सुनाई गई. दो बजकर 35 मिनट पर यह फ़ैसला सुनाया गया. फ़ैसले के वक्त पीड़िता का परिवार भावुक हो गया. उन्होंने इसे न्याय, दिल्ली पुलिस और आम जनता की जीत बताया. फ़ैसले से भी लोग संतुष्ट हैं. दोषी फ़ैसले को सुनकर चुप थे.”
बचाव पक्ष के न्यायालय पर दबाव के आरोपों को नकारते हुए अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि न्यायालय पूरी तरह स्वतंत्र हैं.
मंगलवार को हुई सुनवाई में अदालत ने चारों को सामूहिक बलात्कार, हत्या, हत्या के प्रयास, अप्राकृतिक कृत्य और सबूत मिटाने जैसे अपराधों का दोषी पाया था.
अदालत ने चारों दोषियों को पुलिस द्वारा लगाई गई सभी 13 में से 12 धाराओं में दोषी करार दिया है.
क्लिक करें दिल्ली गैंगरेप: फ़ैसले से संतुष्ट पीड़िता का परिवार
पिछले साल दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार के चारों अभियुक्तों को अदालत ने मंगलवार को दोषी करार दिया था.
इन चारों पर सामूहिक बलात्कार, हत्या, हत्या के प्रयास, अप्राकृतिक कृत्य, सुबूत मिटाने और डकैती के आरोप थे.
इस मामले में एक नाबालिग़ दोषी को तीन साल की सज़ा पहले ही सुनाई जा चुकी है. एक अभियुक्त की सुनवाई के दौरान जेल में ही मौत हो चुकी है.