हजरत अली की शहादत पर आंसु बहे

Date:

vajeehpura majid gke shido ke liye duwa karte hue smaj ke lशहादत की रात आज

उदयपुर, मोहर्रम की 8वीं तारीख पर बोहरा समुदाय में हजऱत अली की शहादत को याद करते हुए मातम, मर्सीया और तकरीर का दौर जारी रहा, जिसके तहत वजीहपुरा मस्जिद में मुल्ला पीर अली ने बताया कि हजरत अली वो शख्सियत रही जिन्हें गदीरे खुम्भ के दिन रसूले खुदा ने तमाम लोगों की गवाही में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और फरमाया कि मैं इसका मौला हूं, अली भी उनके मौला हैं। उनके पास इल्म का खजाना था, जिससे उनके दरवाजे से कोई भी मुश्किलजदा इंसान खाली हाथ नहीं लौटता था, इसलिए उन्हें मुश्किलकुशां भी कहा गया। तकरीर में इरफान अली अल्वी ने बताया कि मौला अली की बहादुरी का वो आलम रहा कि 17-18 साल की उम्र में जंगे बदर में आपने लश्करे रसूल को फतेह दिलाई।

इसके अलावा रसूलपुरा मस्जिद में ख्वातिनों की मजलिस में भी अली की कुर्बानी को याद किया, जिसे सुनकर उपस्थित ख्वातिनों की आंखों से आंसु बह निकले।

यह जानकारी देते हुए दाऊदी बोहरा जमात के प्रवक्ता अनिस मियांजी ने बताया कि १२ नवम्बर को यौम-ए-आशुरा की रात पर समूदाय के लोग रातभर कर्बला के शहीदों की शहादत में मातम, मर्सीया, तकरीरों में मशगुल रहेंगे और शहीदों को खिराज-ए-अकीदत पेश करेंगे।

जो नबी का हुआ वो अली का हुआ,

जो अली का हुआ, वो नबी का हुआ,

या अली कह दिया, सारा गम टल गया।

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Motherless.com Review | LUSTFEL

Motherless.com is among those...

Enjoy enjoyable and engaging conversations inside our bi guy chat room

Enjoy enjoyable and engaging conversations inside our bi guy...

Benefits of cross dressing dating

Benefits of cross dressing datingThere are many benefits to...