उदयपुर । असत्य पर सत्य की जीत का प्रतिक दशहरा पर्व रविवार को उत्साह पूर्वक मनाया गया। इस मोके पर मंदिरों में विशेष पूजा अनुष्ठान हुए गाँधी ग्राउंड में रावण कुम्भकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन हुआ और शहर भर में सनातन धर्म सेवा समिति द्वारा बिलोचिस्तान पंचायत के तत्वाधान में शोभायात्रा निकाली गयी। व् शोभायात्रा की समाप्ति पर विशेष आतिशबाजी का आयोजन हुआ जिसका आनंद गाँधी ग्राउंड में हजारों दर्शकों ने लिया ।
इस बार तिथियों में हुई घटत से नवमी और दशमी एक ही दिन आगई इसलिए नवरात्रि के अनुष्ठान का समापन और दशहरा एक ही दिन मनाया गया। विजयादशमी पर मंदिरों में पूजा अनुष्ठान कर भगवान् की प्रतिमाओं का विशेष श्रृंगार किया गया तथा विभिन्न प्रकारों के मिष्ठानों का भोग कर पूजा अर्चना की गयी ।
धूम धाम से निकली शोभा यात्रा :
दिन 3 बजे सनातन मंदिर शक्ति नगर से रावण का दहन करने के लिए भगवान राम, लक्ष्मण शोभायात्रा के रूप में निकल पड़े। शोभायात्रा में विभिन्न समाजों और संगठनों की कई झांकियां सजाई गई , जिनमें बाल विवाह निषेध, कन्या भ्रूण हत्या निषेध आदि को लेकर सामाजिक चेतना के संदेश दिए गए थे। भगवान राम दरबार के साथ ही रावण परिवार की झांकी भी सजाई गई है। शोभायात्रा मोहन तलरेजा ,अशोक खतुरिया , ओम प्रकाश,किशोर छाबड़ा एवं सिन्धी युवा संगठनों स्वयं सेवकों के मार्ग दर्शन में विभिन्न मार्गों से होती हुई शाम ६ बजे गाँधी ग्राउंड पहुची ।
आकर्षक हुई आतिशबाजी :
शाम ६ बजे शोभायात्रा गाँधी ग्राउंड में पहुचन के बाद भगवान् राम का राजतिलक हुआ और रावण दहन क पूर्व एक घंटे तक आसमान आतिशी नज़रों से जगमगा उठा आतिश बाजी नगर निगम के सहयोग से हुई। विभिन्न तरीके की आतिश बाजी से बच्चों और युवाओं में हर्ष की लहर दौड़ गयी कभी आसमान से बरसते फूल तो कभी जगमगाते सितारे मानो आसमान से धमाके के साथ सितारे टूट कर गिर रहे हो । आग का बहता झरना और चक्कर आतिश बाजी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। साथ ही एक साथ हुए १० से १५० हवाई धमाकों ने दशहरे की ख़ुशी दुगुनी हो गयी ।
हनुमान ने की लंका दहन :
रावण दहन के पहले राम भक्त हनुमान द्वारा लंका दहन किया गया हाथ में गदा उठाये हनुमान ने लंका में आग लगा दी लंका दहन होते ही धमाकों से आसमान गुंजायमान हो गया । लंका दहन के लिए २५० बम लगाये गए थे जिससे लंका जलती गयी और धमाके होते गए ।
६५ फिट ऊँचा लंका पति रावण पल भर में ख़ाक बना :
लंका दहन के बाद मेघनाद के पुतले में लक्ष्मण ने ने तीर से निशाना साधा और आग लगादी पहले मेघनाद की हुई लाल आँखों ने थोडा डराया लेकिन अगले ही पल पुरे पुतले ने आग पकडली इसके बाद कुम्भकरण पर निशाना साध के आग लगायी गयी कुम्भकरण का पुतला जल्दी ही जल उठा । आखरी में भगवान् राम ने अपना तीर कमान उठा कर रावण पर निशाना साधा और इसी के साथ ६५ फिट ऊँचे बने १० मुंह वाले रावण में में आग लगा दी आग लगते ही पहले रावण के पुतने ने अपने मुह से आग उगली फिर आँखों से चिनगारिया और देखते ही देखते लंका पति रावण अपने अहंकार के साथ ख़ाक हो गया ।
इस नज़ारे को देखने आये हजारों की संख्या में शहर वासियों ने जय श्री राम के उद्घोषो से माहोल राममयी बना दिया। बचों ने राम के उद्घोष के साथ तालियों से रावण के खात्मे का स्वागत किया ।