अरब भाषा के टीवी चैनल अल एलन की वेबसाइट पर ख़बर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया.
दादरी में गोमांस खाने की अफ़वाह पर एक मुसलमान की पीट-पीटकर हत्या की ख़बर आने के बाद से ही ट्विटर पर #internationalshame यानी अंतरराष्ट्रीय शर्म हैशटैग ट्रेंड करने लगा.
मर्डर ओवर मील (खाने के लिए हत्या) हैशटैग भी ट्रेंड कर रहा था.
अल जज़ीरा ने अंग्रेज़ी और अन्य भाषाओं के अपने वेब संस्करणों में ख़बर को प्रकाशित किया.
अंग्रेज़ी प्रेस के तमाम बड़े अंतरराष्ट्रीय अख़बारों के साथ-साथ विश्व भर की भाषाओं में भी इस हत्याकांड को कवर किया गया.
मिस्र के अख़बार अल मिस्र अल योम की वेबसाइट ने ख़बर के साथ भारतीय तिरंगे की तस्वीर लगाई.
अंग्रेज़ी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी अख़लाक़ की मौत की ख़बर प्रकाशित की. साथ ही वाइस न्यूज़, हफ़िग्टन पोस्ट, टाइम पत्रिका समेत तमाम प्रमुख अंग्रेज़ी वेबसाइटों ने दादरी हत्याकांड की ख़बर को जगह दी.
Image copyrightOtherImage captionन्यू यॉर्क टाइम्स ने गाय की हत्या की अफ़वाह पर मुसलमान की हत्या बताया.
सभी अंग्रेज़ी वेबसाइटों ने इसे हिंदू भीड़ के हाथों एक मुसलमान की हत्या बताया.
Image copyrightOtherImage captionआयरलैंड के अख़बार आइरिश टाइम्स ने सड़क पर टहलती गाय की तस्वीर के साथ ये ख़बर प्रकाशित की.
यही नहीं दुनिया भर की कई भाषाओं के प्रकाशनों में भी इस ख़बर को जगह दी गई.
ऊरूग्वे के स्पेनिश भाषी समाचार पत्रों में भी हिंदू भीड़ के हाथों एक मुसलमान की हत्या की इस ख़बर को जगह दी गई.
Image copyrightOtherImage captionदक्षिण कोरिया की सबसे बड़ी समाचार सेवा योनहेप न्यूज़ पर भी ये ख़बर प्रकाशित हुई.Image copyrightOtherImage captionजापान की सरकारी समाचार सेवा एनएचके समेत प्रमुख जापानी भाषी वेबसाइटों पर भी भारत की इस ख़बर को जगह दी गई.Image copyrightOtherImage captionफ़्रेंच भाषा के तमाम प्रमुख समाचार माध्यमों पर भी ये ख़बर रही.Image copyrightOtherImage captionडेर स्पीगल समेत जर्मन भाषा के मुख्य समाचार माध्यमों में भी ये ख़बर रही.Image copyrightOtherImage captionदुनिया बुलेटिन समेत तुर्की की अहम वेबसाइटों पर भी गोमांस की अफ़वाह पर हुई हत्या की ये ख़बर छापी गई.Image copyrightOtherImage captionपत्रिका वाइस न्यूज़ ने लिखा, ‘गोमांस की अफ़वाह पर हुई हत्या से हिंदू कट्टरपंथ सुर्खियों में.’Image copyrightOtherImage captionरूसी भाषा की प्रमुख वेबसाइटों पर भी इस घटना को जगह दी गई.
पाकिस्तान के उर्दू टीवी चैनलों और अख़बारों ने इस ख़बर पर आक्रामक रुख़ अख़्तियार करते हुए इसे हिंदू चरमपंथ की वारदात क़रार दिया.