गुजरात में पटेल समाज को आरक्षण की मांग को लेकर हुए आंदोलन ने अब हिंसक रूप धारण कर लिया है। पटेल नेता हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी के बाद समर्थकों ने मंगलवार देर रात तकजमकर आगजनी की और जमकर उत्पात मचाया। अहमदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने जहां एक ओर गाडिय़ों को आग लगाई, वहीं प्रदेश के गृहमंत्री रजनी पटेल के घर पत्थरबाजी और आगजनी की।
हिंसा और भड़कने के डर से पुलिस ने हार्दिक पटेल को रिहा कर दिया। लेकिन इसके बाद भी समर्थक शांत नहीं हुए। इस बीच सूरत में भी प्रदर्र्शनकारियों ने कई बसों को आग के हवाले कर दिया। सूरत के दो थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू लगा दिया है, जबकि कई शहरों में धारा-144 भी लागू है।
2002 के दंगों के बाद ये पहला मौका है जब गुजरात के कई शहरोंं में जमकर हिंसा हुई है और कई शहरों में कफ्र्यू लगाया गया है। भड़की हिंसा को काबू करने के लिए हिंसाग्रस्त इलाकोंं को बीएसएफ के हवाले किया गया है।
वहीं दूसरी ओर पटेल नेता हार्दिक पटेल बुधवार को गुजरात बंद का आह्ववान किया है। सूरत के पुलिस कमिश्नर ने अतिरिक्त पुलिस बल की भी मांग की है। प्रदेश के कई दूसरे इलाकों में भी हिंसक प्रदर्शनों की भी खबर है। अहमदाबाद में इंटरनेट सेवा बाधित हो गई है। राज्य के शिक्षा मंत्री ने बुधवार को सूरत और अहमदाबाद के सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। पटेल समुदाय के युवा नेता हार्दिक पटेल ने भी पुलिस हिरासत से रिहाई के बाद अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने एक वीडियो संदेश के द्वारा लोगों से शांति बनाए रखने को कहा है।
दूसरी ओर, प्रदर्शन को देखते हुए राज्य परिवहन निगम की ओर से बसों की सेवाओं पर तत्काल रोक लगा दिया गया है। इससे पहले पटेल समुदाय के आंदोलन ने सड़कों पर हिंसक रूप ले लिया और शहर के कई हिस्सों में झड़पें होने की खबरें हैं। यहां पुलिस को हालात को काबू में करने के लिए लाठीचाजज़् करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े।
लाठीचार्ज और हार्दिक की गिरफ्तारी से भड़के समर्थक
बताया जाता है कि जिस मैदान में पटेल समाज की महारैली आयोजित हुई थी उसे शाम तक खाली करने के लिए पटेल समाज को कहा गया था। लेकिन आंदोलनकारी वहीं जमे रहे। जब आंदोलनकारी वहां से नहीं हटे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें वहां से खदेडऩा शुरु कर दिया।
जिससे आंंदोलनकारी भड़क गए, वहीं हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी ने इसमें घी का काम किया। जिसके बाद आंदोलकारियों ने अहमदाबाद सहित कई शहरों में जमकर उत्पात मचाया। हिंसा और भड़कने के डर से पुलिस ने पटेल नेता हार्दिक को रिहा कर दिया।
मुख्यमंत्री ने की शांति की अपील
इस बीच मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने लोगों से अपील की है कि ‘मेरी गुजरात के लोगों से अपील है कि वे शांति बनाएं रखें और कानून-व्यवस्था बाधित करने की गतिविधियों में शामिल नहीं हों।Ó उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं लोगों से आग्रह करती हूं कि वे कोई अफवाह फैलाने और अफवाहोंं पर विश्वास करने से बचें तथा पूरे गुजरात में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में राज्य प्रशासन का सहयोग करें।
आंदोलकारियों पर लाठी की होगी जांच
वहीं दूसरी ओर रैली मैदान पर आंदोलनकारियोंं पर हुए लाठीचार्ज की प्रशासन जांच कराएगा और दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
मीडियाकर्मियों को भी पीटा
रैली को कवरेज कर रहे पुलिस ने मीडिया वालों को भी नहीं बख्शा और उन पर भी लाठी चार्ज किया गया। इस लाठी चार्ज में कई पत्रकार घायल भी हो गए हैं। वहां खड़ी ओबी वैनों को भी निशाना बनाया गया।
आज गुजरात बंद का आह्वान
वहीं दूसरी ओर पटेल नेता हार्दिक ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज केे विरोध में आज गुजरात बंद का आह्वान किया है। अपनी रिहाई के बाद के हार्दिक ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने रैली स्थल पर लाठीचार्ज केे दौरान महिलाओं और बच्चों और मीडिया कर्मियों को भी नहीं बख्शा। लाठीचार्ज मे कई महिलाएं और बच्चे भी बुरी तरह घायल हुए हैं।
गुजरात हिंसा: केंद्र ने अद्र्धसैनिक बलों की 31 कंपनियां भेजी
गुजरात में पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल कर आरक्षण का लाभ देने की मांग को लेकर मंगलवार को हुई जबरदस्त ङ्क्षहसा के बीच गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह राज्य सरकार के संपर्क में है और वहां अद्र्धसैनिक बलों की 31 कंपनियां भेजी गई है।
गृह मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि राज्य सरकार के अनुरोध पर वहां अद्र्धसैनिक बलों की 31 कंपनियां भेजी गई है और केन्द्र सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है। सूत्रों ने बताया कि अभी राज्य में सेना तैनात नहीं की जा रही है और अद्र्धसैनिक बलों की कंपनियों को वहां तैनात किया गया है