उदयपुर। जिस राज्य की मुख्य मंत्री महिला है जिस जिले का विधायक गृहमंत्री है उसी राज के जिले में दरिंदगी का ऐसा चेहरा सामने आया है जिसको सोचा भी नहीं जा सकता। महज एक फोन कॉल को आधार मानते हुए एक महिला को उसके ससुर और पति ने लोहे के गर्म चिमटे से पुरे शरीर को जगह जगह से दाग दिया। चेहरा, गर्दन, हाथ जांघ, यहाँ तक की गुप्तांग और वक्ष स्थल तक नहीं छोड़े और गर्म लोहे से दाग दिया। हद तो यह है कि पुलिस ने इसको मामूली आपसी घटना मानते हुए दोषियों को ले दे कर रफ दफा भी कर दिया।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के ठीक आठ दिन पहले दिल दहला देने वाली इस वारदात ने दूनिया के सबसे खूबसूरत शहर की फिजा में दागदार रंग घोलकर सभी को शर्मसार कर दिया। उदयपुर जिले के गोगुन्दा थाना क्षेत्र तहसील कदमाल गांव रेबारियों का गुड़ा में रहने वाली विवाहिता २२ वर्षीय झमकू ने बताया की उसका विवाह २ वर्ष पूर्व छिपल गाँव के भग्गा गमेती से हुआ था १० माह का उसका एक बेटा भी है। पिछले ७ दिनों पूर्व झमकू के मोबाइल पर किसी का कॉल आया झमकू ने उससे बात की जब पति ने उससे पूछा तो झमकू ने अनभिज्ञता जाहिर की कि उसको नहीं पता कोन है। उस नंबर पर झमकू के पति भग्गा और उसके ससुर लहरी लाल ने भी बात की। भग्गा ने झमकू पर आरोप लगाते हुए कहा की उसका उस मोबाइल पर बात करने वाले से अवैध सम्बन्ध है। इस बात को लेकर भग्गा और ससुर लहरी लाल ने झमकू की जमकर पिटाई की। इतना ही नहीं लोहे के चिमटे को गर्म करके बेकसूर झमकू को जगह – जगह से जला भी दिया। वह चींखती रही,बिलखती रही लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी। क्या पूरूष, क्या महिला,हर कोई तमाशबीनों की तरह इस मंजर को देखता रहा। आरोपी पति और ससूर उसके बदन पर तब तक आग बन चुका चीमटा दागते गए जब तक वह बेंहोश नही हो गई। चीमटे को चुल्हे से गर्म करके उसके चहरे, गर्दन, पेट, छाती, पांव ही नहीं गुप्तांगों को भी जला दिया। इस पूरी वारदात में पीड़िता की सास का भी अहम किरदार था उसने ही अपने पति और बेटे को बहू के खिलाफ भडकाकर दोनो को आक्रोशित किया। दरिन्दों के चंगुल से छुटकर फिलहाल विवाहित पीड़िता अपने पीहर तो आ गई है लेकिन उसकी हालत अभी भी दयनीय बनी हुई है। खौफ का वह मंजर पीड़िता की आंखों में अभी भी ताजा है, वह इतनी डरी हुई है कि कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है, उसे इंसाफ तो चाहिए लेकिन बस यही भय है कि फिर से उसे प्रताड़ना नहीं दी जाए। पीहर में भी विधवा मां के साथ पीड़िता अकेली है। झमकू की हालत देख कर गांवकी महिलाओं में खासा रोष है।
झमकू के परिजनों ने बताया कि वारदात को अंजाम देने वाले इन वहशी दरिन्दों ने पीहर पक्ष वालों को बुलाकर पीड़िता को फिर कभी नहीं लाने को कहकर भेज दिया। जब पीहर पक्ष वालों को झमकू की हालात का पता चला और उन्होंने उसके घाव देखे तो उन्होंने उसके पति और ससुर से जवाब तलब किया। जवाब में झमकू का पति और ससुर उसके गाँव के कुछ लोगों के साथ आया और झमकू और उसकी मान को धमका कर चले गए कि अगर तूने थाने में रिपोर्ट करवाई तो अंजाम बुरा होगा। गाँव के जागरूक नागरिक नरपत सिंह ने गोगुन्दा थाने में फोन कर सारी कहानी बताई। लेकिन पुलिस भी रात १२ बजे उसके घर गयी और सुबह थाने में आकर रिपोर्ट देने की बात कह कर चली गयी। २६ फरवरी को झमकू परिजनों के साथ गोगुन्दा थाने में जा कर रिपोर्ट दी तो पुलिस ने आपस का छोटा मामला बताकर आरोपियों की जमानत तक कर दी। बाद में एक बार फिर भगा के गाँव के समाज के पंच भी गांव में पंहुच गए और पीड़िता के परिजनों को इतना डराया कि अब वह किसी को भी कुछ कहने को तैयार नहीं है। पति और ससूर के अत्याचारों से गम्भीर रूप से घायल हुई पीड़िता ठीक से चल भी नहीं पा रही है, आलम यह हो गया है कि पीड़िता अपने दूध मुहे बच्चें को जलने के कारण बाहर का दूध ही पिलाने को मजबूर है। पीड़िता को चीमटे से दागने की बात जैसे ही आसरा विकास संस्थान के भोजराज सिंह को लगी वे भी मौके पर पंहूचे और पूरी स्थिति का जायजा लिया। महिला को हर संभव मदद की दिलासा देने के बाद उन्होने महिला आयोग की प्रदेशाध्यक्ष को दूरभाष पर पूरे मामले से अवगत करवाया और जिला पुलिस अधीक्षक को कड़ी कार्रवार्इ करने की अपील भी की।
इनका कहना …..
झमकू के साथ हुई घटना एक तरह से दरिंदगी है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह पुलिस ने इसको छोटा मामला बता कर रफ दफा कर दिया जब कि पीड़िता की हालात बहुत खराब है। जितेंद्र सिंह , वार्ड पञ्च
यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस को भी अपना काम सही तरीके से तप्तीश कर करना चाहिए। भोज राज , डायरेक्टर आसार विकास संस्थान