राजू ठैंठ गैंग के गुर्गे शंकरलाल को एटीएस के दबोचने के बाद फरार हुए तीन आरोपितों ने तीन जगह नाकाबंदी तोडऩे के बाद पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। इस दौरान क्यूआरटी के जवान वायरलैस पर उच्चाधिकारियों ने जवाबी कार्रवाई की अनुमति मांगते रहे लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
आरोपित गोल्डी, हरेन्द्र और रोहित की गोली से एक क्यूआरटी का जवान खुमाराम शहीद हो गया, वहीं दूसरे के पांव में तीन गोलियां लगीं। इधर, एटीएस ने शंकरलाल को बीकानेर कोर्ट में पेश किया जहां से उसे सात दिन की रिमांड पर सौंप दिया।
नागौर पुलिस के पांच क्यूआरटी जवान भी एके 47 राइफल से लैस थे। लेकिन अनुमति नहीं मिलने के कारण वह जवाबी कार्रवाई नहीं कर सके। अनुमति मिलने की स्थित में जवान अपराधियों पर भारी पड़ते।
गैंग किसकी, पुलिस के लिए गुत्थी
फायरिंग करने वाले आनंदपाल या फिर राजू ठैंठ गैंग के थे, यह पुलिस के लिए गुत्थी बन गई है। जयपुर में पकड़े गए शंकरलाल के साथियों के पास फॉरच्यूनर गाड़ी अलग थी और नागौर में जिस फॉरच्यूनर गाड़ी में तीनों बदमाश सवार थे वह गाड़ी नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के चाचा की थी जो फरवरी में बीकानेर से चोरी हुई थी। पुलिस पड़ताल कर रही है कि जयपुर से भागने वाले बदमाशों ने रास्ते में गाड़ी बदल ली या फिर गाड़ी में आनंदपाल तो नहीं था। स्पेशल ऑपरेशन के आईजी बीजू जोर्ज जोसफ को बदमाशों की धर पकड़ की कमान सौंपी है।
तलाशती रही पुलिस
आरोपितों के फरार होने के बाद से ही पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया था। लेकिन 24 घंटे से ज्यादा समय होने के बाद भी पुलिस को तीनों का कोई सुराग नहीं लगा है। मंगलवार सुबह पुलिस ने खेतों में बदमाशों के पदचिन्ह देखकर पीछा करना शुरू किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला।
मिली आनंदपाल की फर्जी आईडी
आरोपितों की गाड़ी में कुख्यात बदमाश आनंदपाल का एक फर्जी वोटर आईडी कार्ड भी मिला। वोटर आईडी कार्ड पर आनंदपाल की धुंधली फोटो थी और उत्तरप्रदेश के मैनपुरी इलाके का पता दिया गया है।
बस टायर पर ही चला सके गोली
हरेन्द्र और खुमाराम एक व दो राउण्ड ही फायर कर सके। जो सीधे आरोपितों की गाड़ी के टायर को भेदती हुई निकल गईं। दोनों ही जवानों को गोली लग गई और आरोपित खेतों में फरार हो गए। आरोपितों ने तीस राउंड से ज्याद फायर किए।
खुद को बताया पुलिस
जैसे ही आरोपित खेत में भागे और ग्रामीणों को गोलियां चलने की आवाज आई बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंच गए। इस दौरान आरोपितों ने चालाकी की और खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए भाग निकले।
हमारे जाबांज सिपाहियों ने बहादुरी से बदमाशों का मुकाबला किया। सिपाही की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। बदमाशों को पकडऩे के लिए स्पेशल ऑपरेशन आईजी को लगाया है। अभी यह तय नहीं है कि जयपुर से भागने वाले बदमाश ही इस गाड़ी में थे या फिर अन्य। इसकी भी जांच की जा रही है।
मनोज भट्ट, महानिदेशक पुलिस