उदयपुर । मासूमों के साथ जिम्मेदारों की निर्दयिता बढती जारही है | मासूम अपनी आँख खोलने के पहले ही दुनिया के सबसे घिनोने रूप से रूबरू हो रहे है | ऐसी सर्दी में पतले कपडे में लपेट कर किसी मां ने फिर अपने कलेजे के टुकड़े को जानवरों के बीच मरने के लिए छोड़ दिया जिसको जानवरों ने नोचा खसोटा और सर्दी ने जिस्म को ठंडा कर के आखरी सांसों तक पहुंचा दिया लेकिन समय रहते बच्चे की चीख निकली जो किसी के कानों तक पहुंची और उसको उपचार मिला लेकिन अभी भी जिंदगी और मौत के बीच मासूम जान झूल रही है | ये घटना हे बुधवार दोपहर की गुलाबबाग़ करीब साढ़े बारह बजे एक नवजात गंभीर अवस्था घायल लावारिस पड़ा हुआ मिला जिसको किसी जानवर ने नोच लिया था। पुलिस ने बच्चे को अस्पताल पहुंचा कर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की |
जानकारी के अनुसार गुलाबबाग रोड पर होटल में चौकीदारी करने वाला युवक रामरतन गुलाबबाग में खाली बोतलें और प्लास्टिक उठा रहा था कि उसको जलदाय विभाग के पास स्थित हनुमानजी मंदिर के समीप बच्चे के रोने की आवाज़ सुनाई दी। रामरतन ने वहां जाकर देखा तो लाल कपड़े में लिपटा बच्चा रो रहा था। उसके हाथ से खून निकल रहा था। राम रतन ने तुरंत घंटाघर थाने जाकर पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने बच्चे को एमबी चिकित्सालय की नर्सरी में भर्ती करवाया। डॉक्टर आर एल सुमन ने बतया की बच्चे को जब अस्पताल में लाया गया तब बच्चे की हालत काफी गंभीर थी बच्चा नवजात ही था जिसकी नाल भी नहीं सुखी थी बच्चे के एक हाथ पर किसी जानवर के कटाने से खून भी बाह रहा था और बच्चा खुले में आधे घंटे से ज्यादा रहने के कारण बिलकुल ठंडा पड़ा हुआ था | बच्चे का तुरंत उपचार करवाया गया सर्जन से बच्चे के हाथ की भी ड्रेसिंग करवाई गयी अभी बच्चे की हालत नाजुक बानी ही है । पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
निर्दयी मां ने जिस मासूम को त्यागा उसको नोंच डाला जानवरों ने
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