उदयपुर। यौन शोषण के मामले में फरार नारायण सांई की सहयोगिनी गंगा बेन उर्फ धर्मिष्ठा को रामा गांव में शरण देने वाले शंकरलाल प्रजापत को सूरत (गुजरात) पुलिस ने मामले में गवाह बना लिया। साक्ष्य संकलन व गवाही के लिए प्रजापत रविवार को पुलिस के साथ सूरत गया।
पुलिस ने बताया कि सूरत में पीडिता ने आसाराम सांई के पुत्र नारायण सांई व उसकी प्रमुख सहयोगी गंगा उर्फ धर्मिष्ठा, जमना उर्फ भावना पटेल व रसोइयां हनुमान उर्फ कौशल ठाकुर के विरूद्ध दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करवाया था। नामजद होने के बाद गंगा अपने पति झारखण्ड (बिहार) निवासी प्रशांत मिश्रा के साथ रामा गांव में साधक शंकरलाल प्रजापत के मकान में आ छिपी। सुखेर थानाधिकारी गजेन्द्रसिंह को सूचना मिलने पर उन्होंने गत 7 नवम्बर को गंगा उसके पति प्रशांत के रामा गांव में गिरफ्तार किया। गंगा से पूछताछ के बाद सूरत पुलिस ने नारायण साई को गिरफ्तार करने के लिए कई जगह दबिश दी, लेकिन उसका पता नहीं चला। पुलिस का का कहना है कि गिरफ्तार गंगा के साथ ही जमना भी मामले मे आरोपी है।
पुलिस ने शंकरलाल प्रजापत को बताया कि वह गंगा के पति प्रशांत उर्फ प्रमोद को जानता था। अहमदाबाद के आश्रम में वह दर्शन और सेवा-अर्चना के दौरान उसकी पूरी मदद करता था। उदयपुर आने से पूर्व प्रमोद ने फोन कर उसे कहा कि छुटि्टयां होने से वह नाथद्वारा व अन्य जगह घूमना चाहता है। साधक ने आने का न्योता दिया तो वह पत्नी गंगा को लेकर रामा गांव पहुंच गया। शंकर का कहना है कि गंगा नारायण साई की सहयोगिनी थी और गुजरात में उसके खिलाफ वारंट जारी हुआ था। वह इसके बारे में नहीं जानता था।
शंकर का कहना है कि गांव आने के तीन चार दिन बाद प्रमोद बीमार हो गया। तबियत ज्यादा खराब होने पर एक बार दोनों यहां से चले गए, लेकिन चार दिन बाद वापस लौट आए। रामा गांव में रहने के दौरान गंगा ने जमना से सम्पर्क साधा हो या या आरोपी बहने आपस में सम्पर्क में रही है। इन सब कारणों को जानने के लिए सुबह सूरत पुलिस ने रामा गांव आकर प्रजापत से पूछताछ की। कई ग्रामीणों से जानकारी भी ली।