उदयपुर . 9 साल पहले ग्रामीण से रिश्वत के एक मामले में भ्रस्टाचार निरोधक न्यायालय ने एक डॉक्टर को 400 रुपये की रिश्वत लेने के मामले में एक वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
भ्रस्टाचार निरोधक की विशेष न्यायालय में पीठासीन अधिकारी सुनील पंचोली ने जनवरी २००७ के रिश्वत लेने के एक मामले में आरोपी रूप सिंह पिता किरोड़ी सिंह निवासी कोटवाड़ा टोडा भीम को दो धाराओं में एक एक वर्ष का कठोर कारावास और दो हज़ार रुपये की जुर्माना राशि जमा करवाने की सजा सुनाई है।
जानकारी के अनुसार २ जनवरी 2007 को बांसवाड़ा निवासी राजू निनामा भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो के तत्कालीन डी एसपी के पास रूप सिंह चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ केंद्र माहि डेम की शिकायत लेकर गया था। शिकायत के अनुसार दो माह पहले उसकी पत्नी के स्वस्थ केंद्र में डिलीवरी हुई थी। जिसके एवज में सरकार की तरफ से मिलने वाली ७०० रुपये की राशि को वह लेने गया था। स्वस्थ केंद्र में ड्यूटी पर डॉक्टर रूप सिंह ने उससे 700 रुपये देने के लिए 400 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। एसीबी द्वारा शिकायत की पुष्ठि होने के बाद भ्रस्टाचार की टीम ने डॉक्टर रूप सिंह को ५ जानवी को 400 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उक्त मामले में आज डॉक्टर को भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 के तहत धारा 7 में दो हज़ार का जुर्माना और एक वर्ष का कठोर कारावास तथा धारा 13 (1) (D) सहायक धारा 13 (2) के तहत एक वर्ष का कारावास और २ हज़ार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गयी है। दोनों सजाएं एक साथ चलेगी। इस पुरे मामले में लोक अभियोजक गणेश चंद्र तिवारी ने पैरवी की है उन्होंने १५ गवाह और ३६ दस्तावेज कोर्ट को पेश किये जिसके मद्दे नज़र भ्रष्ट डॉक्टर को सजा हो पायी।
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