एआईसीसी के स्टॉफ ने बीच-बचाव करके मामला किया रफा-दफा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने किया डॉ. जोशी को तलब
उदयपुर। मेवाड़ के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट सेवक रह चुके डॉ. सीपी जोशी की कल एआईसीसी कार्यालय में बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ नेताओं ने पिटाई कर दी। इस दौरान आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही जमकर निचले स्तर की गाली-गलौज भी हुई। इस दौरान एआईसीसी स्टॉफ को बीच-बचाव करना पड़ा और पुलिस को बुलाने तक की नौबत आ गई। विवाद की जड़ पीसीसी अध्यक्ष अधीर चौधरी रहे, जो चार बार सांसद रह चुके हैं तथा डॉ. सीपी जोशी समर्थक है, जबकि बड़ी संख्या में वरिष्ठ नेता उनके जबरदस्त विरोधी होने के साथ ही उन्हें हटाना चाहते हैं। इनमें मानस भूनिया, सोमेन मित्रा, प्रदीप भट्टाचार्य, जो सभी पूर्व पीसीसी अध्यक्ष हैं, के अतिरिक्त दीपा दास मुंशी तथा अब्दुल मन्नान शामिल है। इस मारपीट की भनक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लगी, तो डॉ. जोशी को दस जनपथ पर तलब किया गया।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव डॉ. सीपी जोशी का रवैया प्रदेश स्तर एवं केंद्र स्तर के राजनीतिक हल्कों में चर्चा का विषय बना रहा है। डॉ. जोशी ना तो एक विनम्र नेता के रूप में जाने जाते हैं और ना ही कूटनीतिज्ञ के रूप में। यही नहीं जहां भी वे प्रभारी के रूप में रहे उन्होंने सभी को नाराज ही किया।
इस बार विवाद का कारण पश्चिम बंगाल के पीसीसी अध्यक्ष अधीर चौधरी रहे, जो चार बार सांसद रह चुके हैं, जिन्हें सीपी जोशी का समर्थन प्राप्त है, जबकि बड़ी संख्या में वरिष्ठ नेता उनके विरोध में थे और चाहते थे कि उन्हें हटाया जाए। इन नेताओं में से सीपी ने मानस भूनिया से कहा कि वे तथा अन्य पदाधिकारी सोनिया एवं राहुल गांधी से उनकी पीठ के पीछे शिकायत करते हैं। इस पर मानस भूनिया आवेश में आ गए और डॉ. जोशी से कह डाला कि वे अपने प्रदेश में तो कांग्रेस को एक भी सीट दिला नहीं पाए और अब भाषण दे रहे हैं कि चुनाव कैसे जीता जाए? और पार्टी और संगठन का प्रबंधन कर रहे हैं। क्रोधित डॉ. सीपी और मानस के बीच जमकर क्रक्रतू-त,ू मैं-मैंञ्जञ्ज शुरू हो गई और बात मार-पिटाई तक पहुंच गई। इस दौरान वहां मौजूद स्टॉफ ने बीच-बचाव कर मामला शांत किया।
प्रदेश में भी किया सूपड़ा साफ : एआईसीसी की कल हुई बैठक का घटनाक्रम प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेसी नेताओं ने दबी जुबान में कहा कि प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा भी डॉ. सीपी जोशी के कारण ही साफ हुआ है। टिकट वितरण के दौरान मनमानी के कारण मेवाड़ और प्रदेश में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।
धड़ो में बंटी : गत विधानसभा चुनावों में प्रदेश प्रभारी सीपी ने उदयपुर विधानसभा चुनावों में भी कई वर्षों से पार्टी के लिए कार्य कर रहे पदाधिकारियों को दरकिनार कर केवल पार्षद का चुनाव लड़े दिनेश श्रीमाली को भाजपा के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया के सामने उतार दिया। सीपी के इस निर्णय से कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में काफी नाराजगी रही। इस कारण उदयपुर शहर व ग्रामीण दोनों ही सीटें भाजपा ने जीत ली। इसके बाद उदयपुर कांग्रेस भी अलग-अलग धड़ों में बंट गई। धड़ों में बंटी कांग्रेस आज भी देखी जा रही है।
इनका कहना
सीपी मेवाड़ के कद््दावर नेता है परंतु पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के लिए उनका व्यवहार हमेशा रूड़ली रहा है। कुछ तथाकथित नोन मैट्रिक कार्यकर्ता ही उनके साथ रहते हैं और उनको नेता स्वीकार करवाने पर दबाव डालते हंै। ऐसे पदाधिकारी कॉ-ऑपरेटिव चुनाव जीतने का माद्दा भी नहीं रखते हैं। मेवाड़ में कांग्रेस का खात्मा करने का काम सीपी जोशी ने किया है।
-सुरेश श्रीमाली, वरिष्ठ कांग्रेस नेता
डॉ. सीपी जोशी मेवाड़ के कद्दावर नेता है। थोड़े एग्रेसिव जरूर है, लेकिन एआईसीसी की बैठक में कांग्रेसी नेताओं को धैर्य बरतना चाहिए था। कोई शिकायत भी थी तो बातचीत करके उसे हल किया जा सकता था। ये कृत्य निंदा का विषय है।
-रघुवीरसिंह मीणा, पूर्व सांसद