सभापति व अफसरों ने मिलकर किया आपराधिक कृत्य
उदयपुर। शहर के सर्वाधिक महत्वपूर्ण चेटक सर्किल पर राजनेताओं और अफसरों की मिलीभगत से आम सड़क को खोदकर बनाए जा रहे व्यावसायिक काम्पलैक्स की निर्माण अनुमति ही गैर कानूनी है। चूंकि इस भूखंड के बेचान के बाद अभी तक इसका सब डिवीजन नहीं हुआ है और चूंकि इस मुतल्लिक एक वाद हाईकोर्ट में भी लंबित है, इसलिए कानूनन इस पर निर्माण स्वीकृति नहीं दी जा सकती। ऐसे में सभापति, कमिश्नर और उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा जल्दबाजी मेें एक शिविर के दौरान दी गई चेटक कॉम्पलैक्स की निर्माण अनुमति कानूनों की आपराधिक अवहेलना है।
उल्लेखनीय है कि चेटक सिनेमा के पिछवाड़े का एक भू-भाग इसके कथित मालिक सैफुद्दीन बोहरा ने सतराम दास गेहरीमल ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किया था। सतरामदास ने उसके हिस्से की इमारत के जीर्णोद्धार की स्वीकृति का आवेदन किया, लेकिन इमारत ध्वस्त कर नींव से नई इमारत बनाना शुरू कर दिया। विवाद उठा। म्युनिसिपेलिटी ने ४८ घंटे के भीतर निर्माण हटा लेने का नोटिस दिया। साथ ही यह चेतावनी भी दी कि ऐसा नहीं किया गया, तो निर्माण ध्वस्त करने का खर्चा भी वसूल किया जाएगा। इस पर सतरामदास म्युनिसिपेलिटी के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट से स्टे ले आया। स्टे यानी यथास्थिति। लेकिन सतरामदास ने अपना निर्माण जारी रखा और स्टे की अवधि के दौरान ही पूरी इमारत बनवा दी। यह सारी जानकारी प्राप्त होने पर जस्टिस बीजे सेठना नाराज हुए और उन्होंने सतरामदास एंड कंपनी की याचिका खारिज करते हुए निर्माण को अवैध माना तथा इमारत ध्वस्त करने का आदेश दे दिया।
बताया गया है कि न्यायमूर्ति बीजे सेठना उस समय स्वयं मौका देखने उदयपुर आए थे। बाद में अदालत के आदेश से बचने के लिए सतरामदास ने डबल बेंच में अपील कर दी। यह अपील अभी विचाराधीन है। ऐसे में इसी भू-भाग के दूसरे हिस्से पर निर्माण स्वीकृति जारी करना न केवल गैर कानूनी है, बल्कि आपराधिक कृत्य है।
चेटक कॉम्प्लैक्स की निर्माण स्वीकृति गैर कानूनी
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Chetak circle per congress serkar ky time Niyam key aunusar hatai gai wine shop Waps lagi