Udaipur. राजस्थान में उत्तरपुस्तिकाएं और ओएमआर शीट्स जल्द ही बीते जमाने की बात हो जाएंगी। प्रदेश में अब आरएएस सहित विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी।
राज्य सरकार ने इस संबंध में चुनाव आचार संहिता लगने से पहले फैसला किया था। प्रशासनिक सुधार विभाग ने इसका खाका तैयार किया है। जल्द ही इस संबंध में एक एक्ट भी बनाया जाएगा। आचार संहिता हटने के बाद मुख्यमंत्री के स्तर पर मंजूरी मिलना बाकी है। सूत्रों के अनुसार इस योजना को शुरू में एक-दो परीक्षाओं (खासकर आरएएस) से करके देखा जाएगा। बाद में इसमें सभी परीक्षाओं को शामिल किया जाएगा। बाद में विभागीय स्तर पर होने वाली परीक्षाएं भी इसी तर्ज पर होंगी। आईआईटी और आईआईएम में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षाएं ऑनलाइन होती हैं।
ये परीक्षाएं राज्य स्तर पर होने वाली किसी भी परम्परागत प्रतियोगी परीक्षा की तुलना में ज्यादा विश्वसनीयता केसाथ होती हैं। राज्य में इसकी सफलता को लेकर विभाग का तर्क है कि सात-आठ वर्ष पहले तक राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं के आवेदन पत्र तक हाथ से भरकर लिफाफों की जरिए भेजे जाते थे, अब हर परीक्षा में आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे जाते हैं। ऎसे में परीक्षाएं कराने में भी ज्यादा परेशानी नहीं आएगी। गौरतलब है किे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रतियोगी परीक्षाओं में सुधार की मंशा जताने के बाद सचिव राजीव महर्षि और विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राकेश वर्मा के स्तर पर इसे अंतिम रूप दिया गया है।
कैसा होगा सिस्टम
विवरणात्मक के बजाए केवल वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे
जिन अभ्यर्थियों की राइटिंग खराब होती है, उन्हें आम तौर पर खराब मार्किग का शिकार होना पड़ता है। उनकी प्रतिभा का अब सही मूल्यांकन हो सकेगा
परिणाम हाथों-हाथ जारी होगा। आंसर-की से मिलान किया जा सकेगा। अभ्यर्थियों को अपनी संभावित मार्किग (प्राप्तांक) की जानकारी रहेगी
सभी विद्यार्थियों को एक-दूसरे से अलग प्रश्न पत्र मिलेगा। ऎसे में नकल की गुंजाइश नहीं रहेगी
आखिर क्यों पड़ी जरूरत
राज्य में लगभग 86 हजार पदों के लिए पिछले एक-दो वर्षो में हुई परीक्षाएं विभिन्न विवादों के चलते परिणाम जारी होने तक नहीं पहुंच सकी हैं। यह आज भी अटकी हुई हैं
आरएएस, आरजेएस और शिक्षक भर्ती आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक होने की घटनाएं होती रही हैं
रोडवेज, आईटी आदि विभागों की परीक्षाएं एक बार में हो ही नहीं सकीं, उन्हें दोबारा करवाना पड़ा
ग्रामीण विकास व शिक्षा विभाग के स्तर पर हुई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा मेरिट को लेकर कई जिलों में विवाद सामने आए
परिणामों में असंतोष को लेकर अक्सर छात्र सड़क पर प्रदर्शन से लेकर न्यायालय में जाते रहे हैं
उत्तरपुस्तिकाएं ठीक से नहीं जांचने, सड़क पर मिलने और फटने जैसी घटनाएं भी कई बार हुई हैं
हो सकती है कुछ परेशानियां
प्रतियोगी परीक्षाओं में लाखों अभ्यर्थी शामिल होते हैं। ऎसे में उनके लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करवाना संसाधनों की दृष्टि से आसान नहीं होगा
राजस्थान के ग्रामीण-कस्बाई क्षेत्रों में ऑनलाइन एक्जाम से युवा फ्रेंडली नहीं हैं
सरकारी सिस्टम को भी पर्याप्त अपडेट करना पड़ेगा
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