ऐसी कॉमेडी पर हंसे या रोएं

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पिछले छ साल से अर्चना एक कॉमेडी शो को जज कर रही हैं
पिछले छ साल से अर्चना एक कॉमेडी शो को जज कर रही हैं

टेलीविज़न पर आने वाले कॉमेडी शो में एक तरफ हास्य कलाकार भारती अपने चुटकुलों से लोगों को हंसाती है तो दूसरी तरफ कुछ ऐसी महिला प्रतिभागी होती हैं जो मज़ाक करती हुई कम और मज़ाक का शिकार होती हुई ज़्यादा दिखाई पड़ती हैं.

 

आलोचकों द्वारा ऐसे कार्यक्रमों पर महिलाओं को वस्तु की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया जाता है.

कॉमेडी सर्कस की जज अर्चना पूरणसिंह के मुताबिक औरतों का ऐसा प्रस्तुतिकरण तो हर जगह होता है. विज्ञापनों में ज़्यादा होता है जहां कार के साथ लड़की को बेवजह दिखाया जाता है.\

अर्चना के मुताबिक, “हमारे यहां कॉमेडी को काफी पारंपरिक तरीके से दिखाया जाता है. हमसे कई लोग ऐसी शिकायत करते हैं कि दक्षिण भारतीय को काला क्यों दिखाते हैं या पंजाबी को लाउड क्यों दिखाते हो, लेकिन जब तक आपको हंसी आ रही है तब तक सब कुछ माफ़ है.”

कॉमेडी सर्कस के एक स्टार कलाकार कपिल की बात करते हुए अर्चना कहती हैं, “जब शो में कपिल अपनी पत्नी श्वेता को कहता है कि मैं तुझे मारूंगा तो मुझे हंसी आती है. मैं मानती हूं कि घरेलू हिंसा होती है लेकिन इस सामाजिक सच्चाई को हम जब हास्य में दिखाते हैं तो वो हमें सिर्फ हंसाता है.”

 

 

आसपास ही कॉमेडी है

वहीं हास्य कलाकार भारती मानती हैं कि कॉमेडी में औरतों का मज़ाक बनता है तो कभी कभी बहुत बुरा लगता है.

 

भारती का कहना है, “सब कहते हैं कॉमेडी है तो द्विअर्थी चुटकुले तो चलते हैं, औरतों के शरीर पर मज़ाक भी चलता है लेकिन मुझे लगता है कि ऐसा वो लोग करते हैं जिनके पास करने को कुछ और नहीं होता.”

 

कॉमेडी हमारे आसपास ही है जो उसे नहीं ढूंढ पाते वो जीजा-साली के जोक मार लेते हैं, सुहागरात के चुटकुले मार देते हैं तो लोग हंस पड़ते हैं."
कॉमेडी हमारे आसपास ही है जो उसे नहीं ढूंढ पाते वो जीजा-साली के जोक मार लेते हैं, सुहागरात के चुटकुले मार देते हैं तो लोग हंस पड़ते हैं.”

अपनी कॉमेडी से भारत में लोकप्रिय चेहरा बनने वाली भारती मानती हैं कि कॉमेडी हमारे आसपास ही है जो उसे नहीं ढूंढ पाते वो जीजा-साली के जोक मार लेते हैं, सुहागरात के चुटकुले मार देते हैं तो लोग हंस पड़ते हैं.

 

अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए भारती ने बीबीसी को बताया, “मर्द लोग तो डबल मीनिंग जोक मार लेते हैं लेकिन औरत होने के नाते तो मैं ऐसा कर नहीं सकती थी. इसलिए मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि किस तरह अलग और अच्छे अंदाज़ में लोगों का मनोरंजन करुं.”

 

लेकिन इन सबके बीच भारती ये भी मानती हैं कि ऐसे शो एक मिक्स फ्रूट प्लेट की तरह होते हैं जिसमें हर तरह की कॉमेडी दिखाई जाती हैं. जो फ्रूट पसंद है वही खाइए.

सो. बी बी सी

 

 

 

Shabana Pathan
Shabana Pathanhttp://www.udaipurpost.com
Contributer & Co-Editor at UdaipurPost.com

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