उदयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में पत्रकारों को आवास के लिए भूखंड उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को यथा संभव शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर बी.आर. भाटी को निर्देश दिए कि सारे मामले की दो दिन में रिपोर्ट दें।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पत्रकारों को रियायती दर पर भूखंड दिलाने की योजना उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में शुरू की थी, जिसके तहत राज्यभर में पत्रकारों को लाभान्वित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री को अपनी समस्या से अवगत कराने के लिए लेकसिटी प्रेस क्लब का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार सुबह कार्डियोलॉजी हॉस्पीटल के उद्घाटन अवसर पर उनसे मिला। मुख्यमंत्री ने उन्हें शाम को सर्किट हाउस बुलाया और विस्तार से बात की। इस वार्ता में प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अख्तर खान, वरिष्ठ पत्रकार मुनीष अरोड़ा, कुलदीप सिंह और रवि शर्मा शामिल थे। प्रतिनिधि मडल ने प्रेस क्लब अध्यक्ष मनुराव का एक पत्र भी मुख्यमंत्री को सौंपा, जिसमें यूआईटी अध्यक्ष और अफसरों पर सरकार की योजनाओं को लागू करने में कोताही बरतने की शिकायत की गई है।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि जिस जमीन पर पत्रकारों को आवास के लिए भूखण्ड दिये जाने हैं, उस पर एक भूमाफिया की नजर है। इसी वजह से साजिश पूर्वक आवंटन रोका गया हैं।
मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि यूआईटी वकील ने आश्चर्यजनक रूप से सरकार के खिलाफ बयान दिए और आवंटन पर रोक लगाने की मांग की। उसने अदालत में यह भी कहा कि भूखंड आवंटन के लिए विधिक प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। वह यूआईटी में उपलब्ध आवश्यक पत्रावली लेकर भी पेशी पर नहीं गया। इस प्रकार मुख्यमंत्री की योजना को क्रियान्वित करने में सरकारी अफसर ही रोड़ा बन गए हैं।
सीएम ने मांगी भूखंड आवंटन में फसावट की रिपोर्ट
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