बधाई हम स्मार्ट सिटी के स्मार्ट वासी है – नगर निगम के अथक प्रयासों से सफाई में 310 वा स्थान है हमारा।

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उदयपुर। बधाई उदयपुर वासियों को सफाई के मामले में हम इस वर्ष 310 वे स्थान पर रहे। स्मार्ट सिटी में शुमार लेकसिटी सफाई के मामले में देश भर में 310 स्थान पर रही फख्र से सर ऊँचा हो जाता है। किसी समय सुंदरता और सफाई में अव्वल रहे हम उदयपुर वासी अपने खुद और हमारे नगर निगम के भरकस प्रयासों की वजह से 310 वे स्थान पर पहुंच पाए है। गन्दगी के ऐसे हलातों में जाएँ भी क्यों नहीं आखिर हमारे करम काण्ड भी तो ऐसे ही है। बधाई सिर्फ नगर निगम को ही देने से काम नहीं चलेगा ऐसे समय में तो हमे खुद की पीठ भी थपथपानी चाहिए।
नगर निगम की तो बात ही क्या करें घर से निकलते ही कुछ दूर चलते ही कचरे से भरे है रास्ते, हर गली के नुक्कड़ पर गन्दगी के ढेर नज़र आजाते है। नालिया गन्दगी और कीचड़ से भरी पड़ी है। सफाई कर्मी और उनके ठेकेदार हमारे इतने कमाल के है कि अगर कचरा निकाल लें तो नालियां साफ़ नहीं करते और नालियों से गन्दगी उठा लें तो उनको फेंकने की कोई व्यवस्था नहीं है। हमारे नगर निगम के धांसू महा[पौर श्री चन्दर सिंह कोठारी ने व्यवस्था ही कुछ ऐसी की है कि सफाई कर्मी अपनी मौज में है अगर सफाई करने के लिए जरा सा कड़क कोई बोल दे तो फिर समझ लो वह फौज में है। पुरे लाव लश्कर के साथ आप पर चढ़ाई कर जायेगें और यकीन मानिये आप जीवन भर सफाई के नाम से कतराने लगेगें।

 

मेरा मकान सज्जन नगर 80 फिट रोड, जिम चौक में है। में श्री चंद्र सिंह कोठारी और नगर निगम के स्वास्थ अधिकारी श्री हिम्मत सिंह पंवार को बधाई देना चाहता हु कि आपकी मोटनिटरिंग और कार्य करवाने की निति के चलते मेरी गली में 15 दिन में एक बार सफाई करने वाले बड़ी अजीजी से बुलाने पर आते है, और नालियां तो उनके कार्य क्षेत्र में आती ही नहीं इसलिए पिछले 1 माह से उनमे बड़ा शानदार कचरा भरा पड़ा है। में अपनी गली का हाल इसलिए बता रहा हूँ की ऐसा ही हाल लगभग पुरे उदयपुर शहर का है। मेरी गली के बाहर तक डोर तू डोर कचरा उठाने वाला आता है लेकिन मेरी गली या चौक में आने की ज़हमत नहीं करता क्यों की उसको कोई कहने सुनने वाला नहीं है। कोई बात नहीं हम अपने कचरे को कंटेनर में डलवा देते है लेकिन नगर निगम की तत्परता देखो कंटेनर 8 दिन में एक बार खाली होता है, और आधे से ज्यादा कचरा कंटेनर के बाहर इकट्ठा होता है उसकी जिम्मेदारी नगर निगम नहीं लेता। तो यह हाल नगर निगम की दौर टू दौर कचरा प्रणाली के है।अब ऐसे में हमारा नंबर 310 नहीं आएगा तो क्या हम टॉप थ्री में आयेगें। चलिए कोशिश करते रहेगें हम भी और हमारी नगर निगम भी 310 से 620 पायदान पर भी जाने में वक़्त नहीं लगेगा और हम यह मुकाम हासिल करके रहेगें।
जाते जाते एक बात कहना चाहुगां कचरों से भरे इस शहर में मेने नगर निगम महापौर या निगम के अधिकारियों पर कोई आरोप नहीं लगाया जाय इनकी तारीफ़ की जाए इन्हे बधाई सन्देश भेजे जाएँ , आखिर 1 से 10 तक नंबर आता तो हमारा शर्म से झुक जाता क्यों कि 1 से 10 तक नंबर काम होते है, हम बड़ी संख्या 310 के ही हक़दार है और भविष्य में भी हम कोशिश करेगें।

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