उदयपुर. प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत नए सत्र में बच्चों का प्रवेश नियमित रखने के लिए अभिभावकों को प्रबंधन के सामने मिन्नतें करनी पड़ रही हैं। स्कूल प्रबंधन से जवाब मिल रहा है-फीस जमा करवा दो, बच्चे को नहीं निकालेंगे। दरअसल, ये स्कूल उस सत्र की फीस वसूल करने में लगे हैं, जिसे सरकार ने ट्रायल सेशन घोषित कर दिया था। घोषणा के बाद सरकार ने स्कूल प्रबंधन को सत्र 2011-12 का पुनर्भरण करने से साफ इंकार कर दिया है। तर्क दिया कि यह ट्रायल सेशन था।
सरकार से भुगतान नहीं हुआ तो अब स्कूल प्रबंधन अभिभावकों पर दबाव बनाकर इसकी पूर्ति करने में लगे हैं। रियायत के तौर पर स्कूलों ने अभिभावकों को ट्रायल सेशन की यह राशि चार किश्तों में जमा करवाने की सहूलियत भी दी है। देखा जाए तो इस ट्रायल सेशन का औसत खर्च प्रति छात्र 10 से 13 हजार रुपए रहा है, जिसे सरकार ने देने से मना कर दिया है। इन हालात में पेरेंट्स की परेशानी बढ़ गई है।
लगभग 380 बच्चे हैं
आरटीई के तहत स्कूल की आरंभिक कक्षाओं में 25 फीसदी आरक्षण के साथ प्रवेश देने थे। स्कूल की निर्धारित सीटों के आधार पर प्रवेश दिए गए। सत्र 2011-12 में उदयपुर में औसतन हर स्कूल ने 10 प्रवेश दिए हैं। इस हिसाब से उदयपुर में सत्र 2011-12 के दौरान लगभग 380 प्रवेश दिए गए हैं।
अभिभावकों की परेशानी
स्कूल द्वारा निर्धारित फीस देने में असमर्थ
बच्चों की संबंधित स्कूल में ही पढऩे की इच्छा
चार किश्तों में भी नहीं दे सकते वार्षिक फीस।
स्कूल प्रबंधन फीस में कटौती को तैयार नहीं।
कई स्कूलों ने मार्कशीट और टीसी भी रोक ली।
स्कूलों की दलील
सरकार ने ट्रायल सेशन की पूर्व में जानकारी नहीं दी
ट्रायल सेशन के नाम पर फीस पुनर्भरण अब तक नहीं
एक सत्र का पुनर्भरण किया। बाकी को लेकर असमंजस
फीस लेने से ही चलता है स्कूल
फीस बढ़ोतरी को लेकर भी सरकार ने किया पाबंद।
अभिभावकों के सामने दो विकल्प
अपने बच्चे की पढ़ाई को नियमित रखने के लिए अभिभावकों के सामने दो विकल्प हैं। पहला या तो वे स्कूल प्रबंधन द्वारा निर्धारित मापदंडों को मानते हुए फीस का भुगतान कर दें। दूसरा, अपने बच्चे को दूसरे स्कूल में भर्ती करवा लें। ऐसे में अभिभावकों की समस्या और बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें दोनों में से एक भी विकल्प रास नहीं आ रहा है। मामले को लेकर अभिभावकों ने प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की बात कही है।
ट्रायल सेशन की फीस लेंगे : प्रबंधन
सरकार को ट्रायल सेशन की जानकारी सत्र की शुरुआत में ही देनी चाहिए थी। हमें सत्र समाप्त हो जाने के बाद इस बारे में बताया गया। इसकी फीस तो लेंगे। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष जीतेश श्रीमाली ने बताया कि उदयपुर से आरटीई के दायरे में आने वाले स्कूलों ने निर्णय लिया है कि लोकसभा चुनाव के बाद एक प्रतिनिधि मंडल सरकार से इस संबंध में बात करेगा। सरकार नहीं मानी तो आंदोलन किया जाएगा।
सरकार ही कुछ कर सकती है
॥यह शहर के 38 से अधिक स्कूलों का मामला है। इस संबंध में हमने पत्र लिखा था।जवाब में सरकार ने पुनर्भरण करने से स्पष्ट मना कर दिया है। स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर दबाव बनाकर फीस वसूलने की हमारे पास ढेरों शिकायतें आ रही है। सरकार की पहल पर ही इस मामले में कुछ हो सकता है।
भूपेंद्र जैन, जिला शिक्षा अधिकारी-प्रारंभिक, उदयपुर
चुनाव के बाद पहल करेंगे
॥सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों को सत्र २०११-१२ का पुनर्भरण नहीं हो पाया है। कई अभिभावक मिले हैं। शिकायतों पर जिला शिक्षा अधिकारी से भी इस संबंध में जानकारी ली गई थी। प्रशासन अपनी ओर से समस्या के निराकरण की पहल करेगा, लेकिन यह लोकसभा चुनाव होने के बाद ही संभव होगा।
आशुतोष पेडणेकर, कलेक्टर, उदयपुर