उदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से बागोर की हवेली में आयोजित ‘‘बाल नाट्य कार्यशाला’’ के समापन पर गुरूवार शाम शहर की बाल प्रतिभाओं ने नाटक ‘‘अमृत जल’’ के माध्यम से पेड़ों को अमरत्व का वरदान देने की लालसा जतलाई।
बागोर की हवेली के कमल चौक में आयोजित विशेष नाट्य संध्या में बाल नाट्य कार्यशाला में श्री भार्गव ठक्कर द्वारा परिकल्पित, रचित व निर्देशित नाटक ‘‘अमृत जल’’ का मंचन किया गया। नाटक का कथानक एक वृद्ध की कथा से शुरू होता है जो बालकों को अपनी लम्बी उम्र का राज बताता है। बातचीत में बूढ़े मगर हरे-भरे वृक्षों की चर्चा निकलती है। तब बालकों की जिज्ञासा शांत करने के लिये वह राजा जनक सिंह की कथा सुनाता है जिसने अपनी प्रभुसत्ता बढ़ाने के लिये कई युद्ध किये।
ऐसे ही एक युद्ध में राजा जनक सिंह घायल हो जाते हैं तथा मरणावस्था तक पहुंच जाते हैं। तब उनकी सेना में मौजूद दो वैद्य दवा नहीं होने की स्थिति में 20 कोस दूर एक झरने का जिक्र करते हैं जिसका जल अमरता प्रदान करता है। राजा को घायलावस्था में झरने तक ले जाया जाता है। राजा जैसे ही जल पीने लगता है तो वहां मानसिंह नाम का वयोवृद्ध राजा आता है तथा बताता है कि उसने भी जनक सिंह की भांति युद्ध लड़े व बाद में इस झरने का जल पी कर अमरता प्राप्त की। किन्तु बाद में प्रजा ने उसके साथ बुरा बर्ताव किया व उसे राजपद छीन लिया गया।
इस पर राजा जनक सिंह घायल अवस्था में झरने का जल लते हैं और वहां लगे तीन पेड़ों को सींच देते हैं। इसके उपरान्त राजा जनक सिंह की मृत्यु हो जाती है किन्तु वृक्ष झरने का जल पीकर अमरत्व प्राप्त करते हैं। इस कथा से प्रेरित हो कर बच्चे दुनिया के सारे वृक्षों को उस झरने का जल पिलाने का संकल्प लेते हैं। प्रस्तुति में बाल कलाकारों ने विभिन्न किरदारों को उत्कृष्ट ढंग से निभाया तथा बेहतरीन सामंजस्य के साथ प्रस्तुति की रोचकता को बनाये रखा। नाटक में गीत-संगीत तथा ध्वनि प्रभावों ने प्रस्तुति को सशक्त बनाया। वृद्ध राजा के किरदार में सिद्धान्त भटनागर, प्रधान की भूमिका में सदिसा नूर खान तथा राजा जनक सिंह के चरित्र में रिया परमार ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी। वैद्य के रूप में सृष्टि भटनागर व प्राची जोशी, सैनिको की भूमिका में बिपाशा बोल्या, युक्ति बोल्या, ध्रुव पालीवाल के अलावा भैरवी चौहान, माही जोशी, सुविका गेहलोत, नमिता लुंकड़, खुशाल पुरोहित, एंजिल सुखवानी, विनीत जैन, अश्लेषा भटनागर, रीमी नागदा, हिमांशु जैन, जॉय शर्मा, हिरल मुर्डिया, प्रणव गांधी, तनिष्क सोनी का अभिनय सराहनीय बन सका।
बाल नाट्य शिविर का समापन पेड़ों में सींचा ‘‘अमृत जल’’
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