उदयपुर, स्वयं सेवी संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा महिलावादी चिंतकों की सहायता से विद्यालय स्तर पर ही बालकों में सामाजिक मूल्यों पर कार्य किया जाएगा।
यह विचार यूनेस्को क्लब्स सम्मेलन के रविवार को समापन अवसर पर आपसी विचार विमर्श में उभर कर आए।
नागालैण्ड,आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र तथा राजस्थान के प्रतिभागियों ने निर्णय लिया कि मानवाधिकार की समदत को व्यापक करने के लिए विद्यालय स्तर पर पाठयक्रम का निर्माण किया जाएगा और बालकों में मानवाधिकार की समझ को व्यापक बनाने की चेष्टा की जाएगी।
समापन समारोहके अवसर पर तिलक सभागार में सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीयकार्य के लिएगणेश डागलिया ,हरिसिंह सुराना ,उद्योगपति दिनेश कटारिया ,यू .सी सी आई के रमेश चौधरी और $ग$जल गायक देवेन्द्र हिरन को यूनेस्को विशिष्ठ सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अथिति अतिरिक्त मुख्यसचिव राजस्थान सरकार बी बी मोहंती ने कहा की यूनेस्को क्लब्स के ये आयोजन देश की एकता ,शांति, सदभाव और के लिए देश को एक आशा की किरण दिखाते है।विशिष्ठ अतिथिअतिरिक्तपुलिस अधीक्षकप्रसन्न खमेसरा ने कहाकी पुलिस जनता में सौहाद्र्य बढाने ,शांति स्थापित करने और व्यवस्था को सुचारू बनती है। यह ठीक नहीं है की मानवाधिकारों का हनन पुलिस करती है।ट्रस्ट अध्यक्ष विजय मेहता ने कहा की सेवा और सहकारके जज्बे को समाज में पुनस्र्थापित करना समय की महती जरुरत है।यूनेस्को क्लब के राष्ट्रिय अध्यक्ष श्याम बनवा$डी ने कहा की मानवाधिकारों की वास्तविकता को पुन: समझने की जरुरत है।कानून जो बनाते है उनमे कई कानून ऐसे है जिनसे मानवाधिकार का हनन होता है। मानवाधिकारों के रक्षण हेतु देश में संगठनो का निर्माण होना चाहिए।यूनेस्को महासचिव दिरेंद्र भटनागर ने बताया की अगला सम्मलेन आंध्र प्रदेश में होगा जिसमे इस सम्मलेन में लिए निर्णयों एवं प्रगति पर विशेष निगाह राखी जाएगी। चार दिवसीय सम्मलेन का संयोजन एवं धन्यवाद ज्ञापित करते हुए ट्रस्ट सचिव नन्द किशोर शर्मा ने कहा की यूनेस्को सम्मलेन में शिक्षा,स्वास्थ्य ,भोजन,आजीविका,पानी सुरक्षा और मानवाधिकार वे मुद्दे है जिन पर समाज के हर वर्ग और बालक को संवेदनशील बनाने की जरुरत है।
बच्चों में मानवाधिकार की समझ को व्यापक किया जाएगा
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