पाली।बांगड़ अस्पताल में गुरुवार को लापोद निवासी प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन बच्चे की धड़कन कम होने से डॉक्टर्स को उसे जोधपुर रैफर करना पड़ा। इधर, नवजात के पिता के पास 500 और 1000 के ही नोट थे, लेकिन एंबुलेंस चालक एडवांस में खुल्ले पैसे देने की जिद पर अड़े रहे।
100 के नहीं थे खुल्ले तो बच्चे की हई मौत
– खुले पैसे के लिए पिता करीब तीन घंटे बाद भी खुले पैसों का इंतजाम नहीं हुआ।
– खुले पैसे के लिए पिता करीब तीन घंटे बाद भी खुले पैसों का इंतजाम नहीं हुआ।
– यह जानकारी जब सामाजिक कार्यकर्ता मनीष राठौड़ को मिली तो वे 100-100 के नोट लेकर अस्पताल पहुंचे।
– मनीष जब तक अस्पताल पहुंचे तो नवजात के पिता ने बताया कि बच्चे की मौत हो गई।
– राठौड़ ने उसका शव ले जाने के लिए एंबुलेंस चालकों से बात की तो 70 किमी की दूरी के लिए भी कोई एंबुलेंस चालक 1500 रुपए से कम राशि में लापोद जाने को तैयार नहीं हुआ। इस बीच राठौड़ ने एक एंबुलेंस चालक को 1100 रुपए में लापोद जाने को
राजी किया।
राजी किया।
आखिर तीन घंटे बाद हुई मौत
– मृत नवजात के पिता चंपालाल मेघवाल ने बताया कि बच्चे को जोधपुर रेफर करने की बात हुई तो मेरे पास 500 व 1000 के नोट ही थे।
– एंबुलेंस संचालकों को अपनी पीड़ा भी बताई, मगर उन्होंने साफ मना कर दिया। आखिर तीन घंटे बाद बच्चे की मौत हो गई और मेरे परिवार की खुशियां शोक में बदल गई।
– मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं अाया है। इसे लेकर पहले भी शिकायत आई थी, जिसके बाद कलेक्टर के आदेश पर एंबुलेंस का शुल्क 8 रुपए प्रतिकिलोमीटर की दर से तय किया गया था। इस आदेश की काॅपी भी एबुलेंस संचालकों को भी दे दी गई थी। यदि वह फिर भी मनमर्जी कर रहे हैं तो फिर से मामले की जांच करवाएंगे।
-डॉ. एमएस राजपुरोहित, पीएमओ, बांगड़ अस्पताल
-डॉ. एमएस राजपुरोहित, पीएमओ, बांगड़ अस्पताल