उदयपुर। घरेलू गैस के सभी उपभोक्ता अगर आधार नंबर से लिंक हो जाते हैं तो तेल कंपनियों को को केवल उदयपुर शहर में 10 लाख रुपए प्रतिदिन का फायदा होगा। साथ ही गैस सिलेंडर की कालाबाजारी पर पूर्णतया अंकुश लग जाएगा।
तेल कंपनियों के सर्वे के अनुसार अकेले उदयपुर में प्रतिदिन करीब तीन हज़ार से अधिक सिलेंडर की खपत व्यावसायिक उपयोग में होती है, जो कालाबाजारी के जरिए यहां तक पहुचती हैं। तेल कंपनियों और गैस वितरकों का ध्यान अब सभी उपभोक्ताओं को बैंक अकाउंट में आधार नंबर से जोडऩे पर है। गैस वितरक भी उपभोक्ताओं पर इसीलिए दबाव बना रहे हैं।
असल में जिले में घरेलू गैस का उपयोग करने वाले करीब 40 फीसदी उपभोक्ता अब तक बैंक और गैस वितरक को अपने आधार नंबर उपलब्ध करा चुके हैं। जिले के करीब 2.82 लाख उपभोक्ताओं में से इस सप्ताह 1.30 लाख से अधिक उपभोक्ता ऐसे हो जाएंगे, जिनके सिलेंडर की सब्सिडी सीधे उनके बैंक खाते में जमा होगी।
कालाबाजारी पर अंकुश : इससे फर्जी कनेक्शन या किसी अन्य के नाम का कनेक्शन उपयोग में ले रहे लोगों पर पाबंदी लग जाएगी। एक नाम पर एक से अधिक कनेक्शन वाले या फर्जी नामों से कनेक्शन ले चुके उपभोक्ताओं पर भी अंकुश लगेगा। आधार नम्बर से लिंक होने पर सिलेंडर कोई भी ले, लेकिन सब्सिडी कनेक्शनधारी उपभोक्ता के खाते में ही जाएगी।
रोजाना हो रहा नुकसान : रसोई गैस डीलर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता गोविंद गर्ग ने बताया कि कालाबाजारी के कारण सबसे अधिक नुकसान सीधा तेल कंपनियों को ही हो रहा है। मौजूदा समय में घरेलू गैस सिलेंडर की दर 397 रुपए है। बिना सब्सिडी का सिलेंडर 709 रुपए की दर पर उपलब्ध है। जिस उपभोक्ता ने आधार नंबर उपलब्ध करा दिया है, उसे सिलेंडर 709 रुपए में ही मिलेगा लेकिन उसके बैंक खाते में 312 रुपए सब्सिडी के सीधे जमा हो जाएंगे। इस लिहाज से उसे सिलेंडर मौजूदा दर पर ही मिलेगा। बताया गया है कि तीन हज़ार सिलेंडर की कालाबाजारी होती है तो रोजाना तेल कंपनियों को 10 लाख से अधिक का रुपए का घाटा होता है।
घरेलू गैस की कालाबाजारी पर अंकुश
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