अजमेर । ख्वाजा साहब की दरगाह में शनिवार से कव्वालियों का दौर फिर से शुरू हो जाएगा। मोहर्रम के दौरान दरगाह में 12 दिन कव्वालियां बंद रहती हैं। दरगाह क्षेत्र स्थित छतरी गेट पर गुरुवार रात बज्म-ए-सलाम का आयोजन भी किया गया। कंवीनर अहमद मियां चिश्ती ने बताया कि इसमें विभिन्न स्थानों से आए शायरों ने देर रात तक हजरत इमाम हुसैन की शान में कलाम पेश किए।
इससे पहले मुख्य ताजिया शरीफ को गुरुवार तड़के ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित झालरे में सैराब किया गया। इस दौरान हजारों अकीदतमंद उमड़े। सभी आंखों में गम के आंसू थे। उन्होंने हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए दुआएं की।
अंजुमन सदस्य सैयद मुनव्वर चिश्ती ने बताया कि सबसे बड़े ताजिया शरीफ की सवारी बुधवार रात को मुख्य इमाम बारगाह से रवाना हुई जो छतरी गेट, लंगरखाना, निजाम गेट होते हुए सोलहखम्बा पहुंची वहां सलाम पेश किया गया। यहां से ताजिया शरीफ को झालरे तक लाया गया। वहां सुबह 5.30 बजे ताजिया शरीफ सैराब किए गए।