अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य दिवस पर स्वास्थ्य और अधिकारों के बारे में जागरूक करने हेतु हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा स्वास्थ्य सेवा के तहत् पहल कर समुदाय...
गर्मी की छुट्टियों में घूमने फिरने या फिर सिर्फ खेलकूद के बजाय पहली बार घर से दूर रहने और वह भी एक माह के लिए, 24 घण्टें अनुशासन, अध्ययन, खेलकूद, व्यक्तित्व निखार जैसे विषयों के लिए जाना हो तो स्वाभाविक तौर पर 200 से अधिक बच्चें एकमत नही हो सकते। लेकिन जावर, पंतनगर, चित्तौडगढ़, आगुचा, दरीबा, देबारी और कायड से इस शिविर में बच्चों के चेहरों पर मुस्कान और आत्मविश्वास इस बात को साबित करने के लिए अनुकुल थे कि उन्हें पढ़ाई मे रूचि के साथ साथ अपने गुरूजनों से अभिभावकों जैसा व्यवहार और मार्गदर्शन उन्हें घर से दूर घर सा ही वातावरण दे रहे है जो कि उनके भविष्य की नींव के लिए अमूल्य है।
हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा चलायें जा रहे शिक्षा संबंल कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविरों में पंतनगर, उत्तराखण्ड सहित राज्य के 5 जिलों उदयपुर, राजसमंद, चित्तौडगढ़, भीलवाड़ा, अजमेर के राजकीय विद्यालयों के 1000 से अधिक बच्चें उत्साह से भाग ले रहे है। इन प्रशिक्षण शिविरों में बच्चों को विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों के साथ ही शारीरिक, खेलकूद, बौद्धिक और सांस्कृतिक गतिविधियांे से जोडकर उनके सर्वागिंण विकास की और अग्रसर किया जा रहा है।
हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा विद्या भवन सोसायटी उदयपुर के सहयोग सेे सिनियर सैकण्डरी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर की औपचारिक शुरूआत की गयी। 23 मई से 22 जून तक आयोजित होने वाले इस आवासीय प्रशिक्षण शिविर में 200 से अधिक बच्चें 10 वीं कक्षा एवं 49 बच्चें 12वीं कक्षा के भाग ले रहे है। हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा जावर, दरिबा, देबारी चित्तौडगढ़, आगूचा, और कायड में इसी प्रकार के आयोजित 14 शिविरों में 800 से अधिक बच्चें लाभान्वित हो रहे है।
6 वर्ष पूर्व प्रायोगिक तौर पर शुरू किये गये इस आवासीय शिविर की सफलता उनकी बढ़ती हुई संख्या से सिद्ध होती है। परिणामों को बेहतर बनाने और शिक्षा की पद्धति इस कार्यक्रम और शिविरों की अद्वितीय खासीयत है।
ये शिविर हिन्दुस्तान जिं़क के साथ मिलकर ऐसा शैक्षणिक प्रयोग है जिससे संस्था और बच्चों का नाम रोशन हो। आवासीय शिविरों में यह प्रयास किया जा रहा है कि किस प्रकार शिक्षा को प्रासंगिक किया जा सके जिससे बच्चों को अधिकाधिक लाभ मिलें।
हिन्दुस्तान जिंक सदैव आगे बढ़कर ग्रामीण बच्चों के संपूर्ण विकास के लिये आगे आता रहा है शिक्षा संबंल कार्यक्रम के तहत् अध्यापन में अभाव महसूस कर रहे बच्चों के लिये 13 वर्षो से लाभान्वित किया जा रहा है। ग्रीष्मकलीन प्रशिक्षण शिविरों में शिक्षण के साथ ही कौशल विकास, व्यवहार तथा अन्य गतिविधियों जैसे खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमो से बच्चों में व्यक्तिगत और शिक्षात्मक सुधार का प्रयास किया जा रहा है।
शिक्षा संबंल कार्यक्रम के तहत् हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा 9वीं से 12वीं कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को सरकारी विद्यालयों में जहा पद रिक्त है विज्ञान, गणित एवं अंगे्रजी के विषयध्यापकों द्वारा शिक्षा दी जा रही हैं। इस आवासीय प्रषिक्षण शिविर में 10वीं एवं 12 वीं कक्षा में इस वर्ष प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को विशेषज्ञ अध्यापकों द्वारा अध्यापन कराया जा रहा है जिससे वे इन विषयों के बारें में सामान्य जानकारी को रूचिकर तरिकों से सीख सकें। इस प्रकार के शिविर का आयोजन उदयपुर कोरोना काल के अलावा लगातार चार वर्षो से किया जा रहा है।
ज्ञातव्य रहे कि शिक्षा संबल आवासीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए पंतनगर से 26 विद्यार्भी राजस्थान आये है।
देश के एकमात्र और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एकीकृत जस्ता-सीसा-चांदी उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक को नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह के दौरान छठे सीएसआर हैल्थ इम्पेक्ट पुरस्कार से सम्मानित किया। सीएसआर स्वास्थ्य अभियान श्रेणी में असाधारण प्रदर्शन के लिए कंपनी को अपनी प्रमुख सीएसआर परियोजना, खुशी आंगनवाड़ी नंदघर के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया, जिससे राजस्थान के 5 जिलों उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और अजमेर के 2,500 गांवों में 1,90,000 बच्चे लाभान्वित हुए।
इस पुरस्कार हेतु जूरी सदस्य राम बंद्योपाध्याय - आईएएस, कॉरपोरेट मामलों के पूर्व सचिव, आलोक रंजन - आईएएस, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, डॉ चंद्रकांत पांडव - पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, एस श्रीधर, मैनेजिंग डायरेक्टर फाइजर इंडिया और प्रेसिडेंट ओपीपीआई, डॉ फरहत मंटू - जनरल डायरेक्टर, एमएसएफ दक्षिण एशिया, डॉ रंजना कुमारी - निदेशक, सामाजिक अनुसंधान केंद्रय मैथ्यू चेरियन - बोर्ड अध्यक्ष, केयर इंडिया, सौमिल मोदी - कंट्री हेड, जनरल मैनेजर, नोवार्टिस ऑन्कोलॉजी, इंडियाय और विजय सेठी - डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, सस्टेनेबिलिटी इंजीलवादी थे।
समारोह के मुख्य अतिथि भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया और े सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले थे। हिन्दुस्तान जिं़क की ओर से यह पुरस्कार सीएसआर विभाग के अधिकारी योगेश वर्मा एवं अंजली असीजा ने ग्रहण किया।
सीएसआर हेल्थ इम्पैक्ट अवार्ड इंटीग्रेटेड हेल्थ एंड वेलबीइंग काउंसिल की एक पहल है, जिसका उद्देश्य व्यवसायों को राष्ट्रव्यापी सीएसआर आधारित स्वास्थ्य अभियाना का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करना और अन्य कॉर्पोरेट को बड़े पैमाने पर शामिल होने की अपील करना है, जिससे यह अभियान और मजबूत हसे। हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा खुशी अभियान के अंतर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और पूरे समुदाय पर कोविड-19 के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए डिप स्टिक मूल्यांकन किया। कोविड 19 और उसके उपरान्त प्री-स्कूल शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए, व्हाट्सएप के माध्यम से प्रीस्कूल शिक्षा सामग्री और शिक्षण शिक्षण सामग्री वाले वीडियो साझा किए। सामुदायिक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए घर घर जाकर जागरूक किया। इसके अलावा कार्यक्रम का मुख्य फोकस ग्रामीण बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाने और समुदाय के स्वास्थ्य और स्वच्छता पहलुओं को मजबूत करने पर है।
हिंदुस्तान जिंक का मानना है कि सभी का स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी व्यवसायों को देश के समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। अपने संचालन और आम जनता के आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को समय समय पर सम्मानित किया गया है।
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा संचालित स्वास्थ्य सेवा परियोजना के तहत् विश्व हाइपरटेंशन दिवस के अवसर पर हाइपरटेंशन से बचाव के बारें में अपने संचालन क्षेत्र के आस पास के गावों में जागरूकता सत्र आयोजित कर गा्रमीणों को इस बारें में जानकारी प्रदान की। बच्चे, वयस्क और बुजुर्ग सभी एनसीडी में योगदान करने वाले जोखिम कारकों की चपेट में हैं, जिसकें कारण अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने या शराब के हानिकारक उपयोग हैं। हाइपरटेंशन की गंभीरता के बारे में समुदाय में जागरूकता लाने के लिए उन्हें लक्षणों, लक्षणों, कारणों और उपचारों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। उदयपुर के जावर चित्तौड़गढ़ के चंदेरिया और भीलवाड़ा में रामपुरा आगुचा माइंस के आस-पास के गांवों में हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा दीपक फाउंडेशन के सहयोग से संचालित मोबाइल हेल्थ यूनिट से इन सत्रों का आयोजन किया गया। इससे अमरपुरा, बोरिकुवा, नगरी, गुसाई खेड़ा, इंद्र का खेड़ा और परशुरामपुरा गांवों 200 से अधिक ग्रामीण लाभान्वित हुए।