ये हैं अच्छे दिन कैश ट्रांजक्शन पर ही नहीं , फ्री की सेवाओं पर भी अब देना होगा शुल्क

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POST. एचडीएफसी (HDFC), आईसीआईसीआई (ICICI), एक्सिस और एसबीआई (SBI) जैसे बैंकों ने अपने खाताधारकों के लिए न सिर्फ कैश ट्रांजेक्शन (नकद निकासी, जिसमें कैश जमा करना और निकालना दोनों शामिल हैं) को लेकर नए नियम बनाए हैं बल्कि कुछ और चार्ज भी लगाए हैं? जी हां. कहा जा रहा है कि नकदी के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए बैंकों द्वारा ऐसी पहल की जा रही हैं. आपको एक बार फिर से बता दें कि तय सीमा से अधिक बार कैश ट्रांजेक्शन करने पर आपको अतिरिक्त फीस देनी होगी.

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने ग्राहकों के लिए खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने को अनिवार्य बनाते हुए कहा है कि ऐसा न करने वालों पर 1 अप्रैल से पेनल्टी लगाई जाएगी. महानगरीय इलाकों में खातों के लिए न्यूनतम 5,000 रुपये, शहरी क्षेत्रों में 3,000, अर्ध शहरी क्षेत्रों में 2,000 तथा ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी कर दिया गया है. हालांकि बैंकों द्वारा ट्रांजेक्शन शुल्क वसूलने के बढ़ते विरोध के बीच सरकार हरकत में आई है. और यदि सूत्रों की मानें तो सरकार ने बैंकों से ट्रांजेक्शन शुल्क वसूलने के फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया है. यदि आपके सेविंग अकाउंट में 25 हजार रुपये से कम रकम है तो हर तीसरे माह में 15 रुपये SMS चार्ज के रूप में भी वसूले जाएंगे पर लेकिन बैंक 1,000 रुपये तक के यूपीआई/यूएसएसडी ट्रांजेंक्शन्स पर कोई चार्ज नहीं वसूलेगा. इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से खातों में न्यूनतम बैलेंस न होने पर पेनल्टी लगाने के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है.  एसबीआई 1 अप्रैल से अपने सेविंग बैंक अकांउट ग्राहकों को महीने में सिर्फ 3 बार कैश फ्री में जमा करने की अनुमति देगा. इसके बाद हर बार सर्विस टैक्स के साथ 50 रुपये का चार्ज लगेगा. एक माह में दूसरे बैंक के एटीएम से तीन बार से ज्यादा कैश निकालने पर 20 रुपये की फीस देनी होगी. वहीं अगर ग्राहक एसबीआई के एटीएम से पांच से ज्यादा ट्रांजेक्शन करता है तो हर बार 10 रुपये का शुल्क लिया जाएगा.

अब यदि प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक एचडीएफसी की बात करें तो इससे 4 बार से अधिक कैश निकालने पर 150 रुपये फीस चुकानी होगी. साथ ही यदि बैंक की होम ब्रांच से जमा निकासी कर रहे हैं तो भी दो लाख रुपये तक ही फ्री होगा इस के बाद कम से कम 150 रुपये या पांच रुपये प्रति 1000 रुपये पर पे करना होगा. वैसे नॉन-होम ब्रांच में फ्री लेन-देन 25,000 रुपये है. इसके ऊपर कस्टमर्स को न्यूनतम 150 रुपए या पांच रुपये प्रति 1000 रुपये की पेमेंट करनी होगी.

वहीं, आईसीआईसीआई बैंक की ओर से बदले नियम के मुताबिक, एक महीने में 4 लेन-देन के लिए कोई फीस नहीं है मगर इसके बाद प्रति 1,000 रुपये पर 5 रुपये की फीस लगेगी. थर्ड पार्टी ट्रांजेंक्शन के मामले में सीमा 50,000 रुपये प्रतिदिन की होगी. नॉन होम ब्रांच में एक महीने में पहली नकद निकासी के लिए कोई शुल्क नहीं लेगा लेकिन उसके बाद प्रति 1,000 रुपये पर 5 रुपये का शुल्क लेगा।

एक्सिस बैंक की बात करें तो नॉन-होम ब्रांच के 5 ट्रांजेंक्शन जहां बैंक ने फ्री रखे हैं. इसके अलावा, वैसे तो ग्राहकों को हर महीने 5 ट्रांजेक्शन फ्री दिए गए हैं लेकिन इसके बाद छठे लेन-देन पर भारी फीस वसूली जाएगी. कम से कम 95 रुपये प्रति लेन-देन की दर से चार्ज लगाया जाएगा. वहीं, महत्वपूर्ण बात यह है कि एक्सिस बैंक ने एक दिन में कैश जमा करने की सीमा 50,000 रुपये ही तय की है. इससे अधिक रुपया यदि आप जमा करते हैं तो प्रति 1000 रुपये पर 2.50 रुपये की दर से या प्रति ट्रांजेक्शन 95 रुपये, में जो भी ज्यादा होगा, चार्ज लिया जाएगा.

Source- khabar.ndtv.com

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