उदयपुर. जिले के जोगीवड़ गांव की एक विवाहिता को बहला फुसला कर गुजरात ले जाने व सामूहिक दुष्कर्म के बाद बेचने का मामला यहां कोटड़ा थाने में परिवाद के जरिए दर्ज किया गया है। जांच कोटड़ा पुलिस उपाधीक्षक को सौंपी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार एक माह पहले छह मई को सुबह 9 बजे विवाहिता अपने घर से रिश्तेदार के यहां धागीवास जाने के लिए निकली थी।
कोटड़ा में अस्पताल चौराहे पर उसे गांव का मिरीया मिल गया। मिरीया ने बताया कि वह धागीवास जा रहा है। यह कहते हुए उसे बाइक पर बैठा लिया।
लेकिन वह पीडि़ता को गांधीसरणा होता हुआ गुजरात के वाकल गांव में मकना के घर ले गया। पीडि़ता के विरोध करने पर मकना व मिरीया ने मिलकर उसके हाथ -पैर बांधे व मकान में बंद कर दिया। देर रात दोनों ने अपने दोस्त सिरोही के जीतू उर्फ जितेन्द्र सिंह को भी बुलवा लिया। बाद में तीनों ने उसके मुंह में कपड़ा ठंूसा व दुष्कर्म किया।
अगले दिन एक अन्य युवक खेरोज निवासी अमृत ठाकोर गाड़ी लेकर वाकल स्थित मकना के घर आया । पीडि़ता को जबरन गाड़ी में बैठाया। इस दौरान हुई धक्का-मुक्की पीडि़ता के चेहरे व पैर पर चोटें आई।
आरोपित उसे अम्बाजी लेकर पहुंचे। वहां इनका एक और साथी लक्ष्मण मिल गया। यहां से गुजरात के ऊंझा गांव ले गए ।
जहां पहले से तैयार बैठे लालू भाई ठाकोर को 1 लाख 15 हजार रुपए में पीडि़ता को बेच दिया। ऊंझा में लालू भाई रोजाना जान से मारने की धमकी दे कर दुष्कर्म करता।
लगभग 11 दिनों तक यह पीड़ा झेलने के बाद 17 मई को पीडि़ता को वहां से निकलने का मौका मिल गया । जैसे -तैसे वह अंबाजी तक आ गई ।
यहां उसकी तलाश कर रहे पति व भाई मिल गए। उसने दोनों को आपबीती सुनाई। कोटड़ा पंहुचने पर पीडि़ता ने 26 मई को कोर्ट में इस्तगासा पेश किया।
थानाधिकारी भोपाल सिंह ने बताया कि मामला अनुसूचित जाति जनजाति का होने के कारण जांच कोटड़ा पुलिस उपाधीक्षक शैतान सिंह कर रहे हैं।