अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जायेगा शहीद कैप्टन सौरभ कालिया का मामला: सुषमा

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कारगिल युद्ध में बंधक कैप्टन को क्रुर यातनाएं दी गई थी पाकिस्तानी फौज द्वारा

Saurabh-Kalia-

उदयपुर। कारगिल युद्ध में शहीद हुए सौरभ कालिया और पांच अन्य भारतीय जवानों को न्याय दिलाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार फ्रंट फुट पर आ गई है। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को उदयपुर में जनकल्याण पर्व सप्ताह के तहत उदयपुर दौरे के दौरान आते ही यह बात पत्रकार वार्ता में साझा करते हुए बताई । सुषमा स्वराज ने कहा की अभी सौरभ कालिया के मामले में ही केंद्रीय मंत्री मंडल की बैठक चल रही थी जिसमे यह निर्णय लिया गया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेने के बाद इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट लेकर जाएगी। सुषमा स्वराज ने बताया कि इस मामले में केन्द्र सरकार द्वारा आज की गई बैठक में सौरभ कालिया मामले में अहम निर्णय लिये गये। केन्द्र सरकार का निर्णय बताते हुए कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनाम को बदला जायेगा। दरअसल अब तक कॉमनवेल्थ देश होने के नाते युद्घ से जुडे मामले दोनों देश अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट में नहीं ले जाते हैं, ऐसे में केन्द्र सरकार ने सौरभ कालिया के मामले को अपवाद स्वरूप माना हें और इस मामले में हलफनामे को बदलते हुए सुप्रिम कोर्ट से अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट में जाने की इजाजत मांगी जायेगी। सुप्रिम कोर्ट के निर्णय के बाद आगे कदम बढाया जायेगा।
इससे पहले तक केंद्र सरकार पीछे हटते दिख रही थी और यह कह रही थी कि भारत इस मुद्दे को इंटरनेशनल कोर्ट में नहीं sushama swarajउठाएगा।
इस मामले में सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि इस मामले को न्यूयार्क अधिवेशन के दौरान २२ सितंबर १९९९ को और मानवाधिकार आयोग को अप्रैल २००० में ही अवगत करा दिया गया है।
अतंर्राष्ट्रीय कोर्ट के जरिए कानूनी कार्रवाई के बारे में भी सारे पहलुओं पर विचार किया गया, लेकिन यह संभव नहीं लगता। शहीद सौरभ कालिया के पिता सरकार के इस रवैये से खासे खफा भी हुए थे। उनहोंने कहा कि मुझे लगा था कि बीजेपी सरकार देश भक्त होगी लेकिन ये सरकार भी वैसी ही निकली।
इससे पहले सौरव के पिता एनके कालिया ने २०१२ में सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। उनकी मांग है कि विदेश मंत्रालय इस मामले को इंटरनेेशनल कोर्ट में उठाए ताकि जिन पाकिस्तानी सैनिकों ने उनके बेटे की निर्मम हत्या की है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। क्योंकि इस तरह का बर्ताव युद्घ बंदियों के साथ जेनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि ४ जाट रेजीमेंट के कैप्टन सौरभ कालिया को १५ मई १९९९ को पांच जवानों के साथ बंधक बना लिया गया था। जहां पर पाकिस्तानी सैनिकों ने उन पर खूब अतमानवीय अत्याचार किए थे जिस कारण उनकी मौत हो गई थी।
सुषमा स्वराज ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान सवालों के जवाब ब$डी बेबाकी से दिए । प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश मंत्री से अधिक यात्राओं के जवाब में उन्होंने कहा की उन्होंने २१ देशों की यात्रा की है मोदी ने १८ देशों की । मोदी से उनके मतभेद होने की बात को सिर्फ अफवाह और बेबुनियाद बताया।

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